ADVERTISEMENTs

कार्टर की याद में बसा भारत के 'कार्टरपुरी' गांव में ​​​​​​​50 साल बाद भी जिंदा हैं पूर्व राष्ट्रपति की यादें

दिल्ली के पास बसा कार्टरपुरी गांव, जिसका नाम खुद पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के नाम पर रखा गया है, उनके साथ बिताए पलों को आज भी याद करता है और उनके अंतिम संस्कार पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर 12 जनवरी, 2012 को काहिरा, मिस्र में रायटर के साथ एक साक्षात्कार में भाग लेते हैं। / File Photo / Reuters

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का अंतिम संस्कार अगले हफ्ते वॉशिंगटन में होगा। वॉशिंगटन से हजारों मील दूर उनके नाम पर भारत में एक गांव बसा है। गांव के लोग कार्टर की 50 साल पहले की यात्रा को याद कर रहे हैं और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

कार्टर 1977 में एक कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति थे। उनका निधन 29 दिसंबर, 2024 को 100 साल की उम्र में हो गया। उनका राजकीय अंतिम संस्कार 9 जनवरी को वॉशिंगटन नेशनल कैथेड्रल में होगा। 'कार्टरपुरी' यानी 'कार्टर का गांव', दिल्ली से लगभग 32 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव है। इसका पहले नाम दौलतपुर नसीराबाद था। 1960 के दशक में कार्टर की मां लिलियन कुछ समय के लिए यहां नर्स और वॉलंटियर के तौर पर रहीं थीं। 

अतीत की स्मृति को याद करते हुए इस गांव के निवासी मोती राम ने बताया, 'गांव वालों ने कार्टर की पत्नी को पारम्परिक कपड़ों में सजाया था... । उन्होंने (कार्टर ने) हुक्का भी पीने की कोशिश की।' कार्टर अपनी पत्नी रोसालिन के साथ गांव में घूमे थे। कुछ गांव वालों ने समाचार एजेंसी ANI (जिसमें रॉयटर्स की मामूली हिस्सेदारी है) को बताया कि 3 जनवरी, 1978 को उनकी यात्रा से कई महीने पहले ही तैयारियां शुरू हो गई थीं। गांव को सजाया-संवारा गया था और मुख्य चौक में स्वागत कार्यक्रम रखे गए थे।

कार्टर की यात्रा से गांव वाले इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपने गांव का नाम उनके सम्मान में बदल दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हफ्ते कार्टर के निधन की खबर सुनकर गांव वालों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया और फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कार्टर के निधन के बाद एक्स (ट्विटर) पर इस गांव का जिक्र करते हुए लिखा कि यह 'भारत में उनके प्रति गहरे सम्मान का प्रमाण' है। उन्होंने उस यात्रा की एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें रोसालिन पारंपरिक कपड़ों में हंस रही हैं और कार्टर उनके बगल में गांव वालों की भीड़ से घिरे हुए हैं।

कार्टर द्वारा बाद में भेजा गया एक पत्र, जिसमें उन्होंने इस कार्यक्रम को 'सफल और व्यक्तिगत रूप से संतोषजनक' बनाने के लिए गाँव वालों के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया था। यह इस गांव की सबसे कीमती चीजों में से एक है, साथ ही तस्वीरें भी। 

 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related