कनाडा में भारतीय मूल के नागरिक युवराज गोयल की हत्या के मामले में पुलिस की जांच से चौंकाने वाले संकेत सामने आए हैं। पुलिस अधिकारियों के हवाले से आई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये संभवतः टारगेट किलिंग का मामला है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को हिरासत में लिया है।
28 वर्षीय युवराज मूल रूप से भारत में पंजाब के लुधियाना के रहने वाले थे। वह 2019 में स्टूडेंट वीजा पर कनाडा गए थे। हाल ही में उन्हें कनाडा की परमानेंट रेजीडेंसी मिली थी। पुलिस के मुताबिक, युवराज का कोई आपराधिक बैकग्राउंड नहीं था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, युवराज के पिता राजेश गोयल का फायरवुड बिजनेस है। उनकी मां शकुन हाउसवाइफ हैं। युवराज ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में बैचलर डिग्री ली थी। कनाडा जाने से पहले दो साल तक उन्होंने भारत में नौकरी भी की। उसके बाद फाइनेंस में मास्टर्स की डिग्री लेने के लिए कनाडा चले गए थे।
सरे पुलिस के अनुसार, युवराज के साथ शूटिंग की वारदात ब्रिटिश कोलंबिया की 164 स्ट्रीट पर 7 जून को सुबह 8.46 बजे उनके घर के बाहर हुई। युवराज के रिश्तेदारों ने मीडिया को बताया कि जिम से आने के बाद वह जैसे ही अपनी कार से उतरा, उसे गोली मार दी गई। इससे एक मिनट पहले ही उसकी अपनी मां से फोन पर बात हुई थी।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में जिन चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, उनके नाम मनवीर बैशराम (23), साहिब बरसा (20), हरकीरत झुट्टी (23) और ओंटारियो के कीलोन फ्रैंकोइस (20) हैं। इन सभी पर फर्स्ट डिग्री मर्डर के चार्ज लगाए गए हैं।
कनाडा की इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम के सार्जेंट टिमोथी पाइरोटी ने बयान में बताया कि शुरुआती जांच से लगता है कि यह टारगेट किलिंग का मामला है। हालांकि इसकी वजह का पता लगाया जा रहा है।
इस बीच, युवराज के रिश्तेदारों ने मीडिया से बातचीत में इस घटना के पीछे मिस्टेकन आइडेंटिटी यानी गलत पहचान का मामला होने का अंदेशा जताया है। एक रिश्तेदार डॉ. रंजना सूद ने कहा कि कनाडा में स्थानीय सूत्रों से हमें पता चला है कि ये गलत पहचान का मामला है। हत्यारों का टारगेट कोई और था, लेकिन उन्होंने गलती से युवराज को मार दिया। इस मामले की गहराई से जांच जरूरी है।
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