अमेरिका में रहने वाले सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे आप्रवासियों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है। हालिया इमिग्रेशन आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 20 लाख से ज्यादा भारतीय अमेरिकी कॉलेज डिग्री धारी हैं, जो अमेरिका की कुल शिक्षित आबादी का 14 प्रतिशत है। कॉलेज डिग्री वाले भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या अमेरिकी वर्कफोर्स को नया आकार दे रही है।
वाशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एमपीआई) की एक स्टडी बताती है कि 2018 से 2022 के बीच अमेरिका आए लगभग 48 प्रतिशत अप्रवासियों के पास कॉलेज डिग्री थी। इसमें भारतीय अप्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही क्योंकि 2022 में कॉलेज डिग्रीधारी अप्रवासियों में उनका हिस्सा सबसे ज्यादा यानी 14 प्रतिशत था। देश के सभी कॉलेज-शिक्षित वयस्कों में से 17 प्रतिशत आप्रवासी हैं। वे अमेरिकी आबादी के 14 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
स्नातक डिग्री या उससे ऊपर की डिग्री वाले आप्रवासियों की संख्या से बढ़ी है। वह संख्या बढ़ोतरी में कॉलेज डिग्री रखने वाले मूल अमेरिकियों से भी आगे निकल गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 के बाद से कॉलेज शिक्षित अमेरिकी प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। 1990 से 2000 के बीच इनकी वृद्धि दर 89 फीसदी और 2010 से 2022 के बीच वृद्धि दर 56 प्रतिशत थी।
कैलिफोर्निया कॉलेज डिग्रीधारी आप्रवासियों का प्रमुख केंद्र है। इस समूह के 22 प्रतिशत लोग यहीं रहते हैं। इसके बाद टेक्सास और न्यूयॉर्क जैसे राज्य आते हैं। लेबर मार्केट में सभी सिविल नियोजित श्रमिकों में 18 प्रतिशत अप्रवासी हैं। इनमें 44 प्रतिशत कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर, 34 प्रतिशत कंप्यूटर व सूचना अनुसंधान वैज्ञानिक और 29 प्रतिशत डॉक्टर शामिल हैं।
भारतीय आप्रवासी जिन्हें अक्सर गैर-लातीनी एशियाई अमेरिकियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, एडवांस डिग्री की जरूरत वाले सेक्टरों में अमेरिकी वर्कफोर्स का एक बड़ा हिस्सा हैं। इनमें से कई अप्रवासी पहले से ही मजबूत शैक्षिक पृष्ठभूमि के साथ आते हैं बल्कि अमेरिका में आगे की शिक्षा भी प्राप्त करते हैं। इसमें महत्वपूर्ण संख्या मास्टर्स डिग्री, प्रोफेशनल डिग्री या डॉक्टरेट डिग्री होती है।
हालांकि उच्च योग्यता के बावजूद सभी शिक्षित आप्रवासियों को उनके कौशल के अनुरूप रोजगार नहीं मिलता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2022 में लगभग 21 लाख कॉलेज शिक्षित अप्रवासी या तो बेरोजगार थे या फिर डिशवॉशिंग, टैक्सी ड्राइविंग जैसी कम कुशल नौकरियां कर रहे थे। ये इस समूह का 20 प्रतिशत है। अमेरिका में जन्मे लगभग 78 लाख कॉलेज स्नातकों या ऐसी आबादी के 16 प्रतिशत भी इसी तरह की मुश्किलें झेलते हैं।
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