मिशिगन के फ्लिंट इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट्स ने समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भारतीय सोने के गहनों की जटिल कलात्मकता को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी कुछ माह पहले शुरू की है। 16 मई को शुरू हुई 'मेडिटेशन इन गोल्ड : साउथ एशियन ज्वेलरी' प्रदर्शनी दक्षिण एशियाई संस्कृति में गहनों के विकास और महत्व पर एक व्यापक नजर डालती है।
सीपियों और हड्डियों से बने प्राचीन हार से लेकर सोने और रत्नों से सजी आधुनिक कृतियों तक, प्रदर्शनी पूरे इतिहास में गहनों की बहुमुखी भूमिका पर प्रकाश डालती है। दक्षिण एशिया में आभूषणों ने विभिन्न उद्देश्यों को पूरा किया है। इसमें धन और स्थिति का प्रतीक, धार्मिक और औपचारिक भूमिकाएं निभाना और परिवारों को उनकी विरासत से जोड़ने वाली कड़ी भी शामिल है।
भारत सोने, हीरे और अन्य कीमती धातु-पत्थरों के प्रचुर संसाधनों के लिए जाना जाता है। सदियों से आभूषण बनाने का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। प्रदर्शनी में कई प्रकार के नमूने हैं जो दक्षिण एशियाई समाज में गहनों के विविध उपयोगों और अर्थों को दर्शाते हैं।
उल्लेखनीय वस्तुओं में 1930 के दशक का एक रत्न 'हसली' हार, 1930 के दशक का 'मांग टीका' यानी माथे का आभूषण, 19वीं सदी के अंत/20वीं सदी की शुरुआत की राजस्थान चूड़ियां जिनमें सोने, हीरे और तामचीनी शामिल हैं और कलकत्ता से कंघी या दिल्ली के 20वीं सदी की शुरुआत में बने सोने, पन्ने और हीरे के आभूषण हैं।
यह प्रदर्शनी दक्षिण एशियाई आभूषणों में उपयोग की जाने वाली विभिन्न सामग्रियों और रूपांकनों के पीछे के प्रतीकात्मक अर्थों पर भी प्रकाश डालती है। उदाहरण के लिए सोना और मोती न केवल अपनी सुंदरता के लिए बेशकीमती हैं बल्कि वे गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व भी रखते हैं।
प्रदर्शनी के संयोजन में फ्लिंट इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट्स 9 अक्टूबर, 2024 को 'स्प्लेंडर्स ऑफ साउथ एशिया' की मेजबानी करेगा। यह कार्यक्रम एक मुफ्त सार्वजनिक व्याख्यान के साथ शुरू होगा। इसके बाद टिकट वाला कॉकटेल रिसेप्शन और अंतरंग रात्रिभोज होगा।
उत्सव का उद्देश्य दक्षिण एशिया की कला, इतिहास और संस्कृति का सम्मान करना और दृश्य कला के माध्यम से विविध समुदायों को जोड़ने के एफआईए के मिशन का समर्थन करना है। आयोजन से प्राप्त आय से संस्थान के शैक्षिक कार्यक्रमों को लाभ होगा और इसके दक्षिण एशियाई कला संग्रह का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login