बेंगलुरू को भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है। यह तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियों का ठिकाना रहा है। आजकल ये शहर एक अलग ही समस्या से जूझ रहा है। ये समस्या है, भीषण गर्मी की। पानी की किल्लत से परेशान इस शहर के लिए गर्मी ने नई समस्या खड़ी कर दी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में ये परेशानी और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
3 अप्रैल को यहां का अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे एक दिन पहले टेंपरेचर रिकॉर्ड 37.2 डिग्री था, जिसने इसे 2016 के बाद सबसे गर्म दिन बना दिया था। 2016 में बेंगलुरू का पारा 39.2 डिग्री तक पहुंच गया था जो कि अब तक का सबसे ज्यादा गर्म दिन था।
मौसम विभाग का कहना है कि बेंगलुरू शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों, मांड्या, तुमकुर और मैसूर में अगले पांच दिनों में तापमान में दो डिग्री तक का इजाफा हो सकता है। यहां रहने वाले आईटी पेशेवर सूर्य कुमार का कहना है कि मैं यहां 2019 से रह रहा हूं, लेकिन इतनी गर्मी कभी नहीं झेली। शहर का भीषण ट्रैफिक जाम इस चुभती गर्मी को और भी असहनीय बना रहा है।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) का पूर्वानुमान है कि बेंगलुरू के अधिकतर इलाकों में 7 अप्रैल तक दिन का तापमान 37 डिग्री के करीब रहने का अनुमान है। यह मुंबई से लगभग 3-4 डिग्री और नई दिल्ली से 1-2 डिग्री अधिक है। चेन्नई में तापमान 34 डिग्री तक पहुंच गया है। इसकी वजह से वहां चौथी क्लास तक के स्कूलों ने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है।
बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में कहा था कि भारत के अधिकतर हिस्सों में इस साल अप्रैल से जून के बीच लू के लंबे दौर देखने को मिल सकते हैं। कई इलाकों में 10 से 20 दिनों तक लू के कई दौर चल सकते हैं, जो आमतौर पर चार से आठ दिन के होते हैं। इसकी वजह अल नीनो और जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है।
बेंगलुरू शहर गर्मी ही नहीं, पानी के भीषण संकट से भी जूझ रहा है। कई महीनों से लोग पानी की कमी को लेकर परेशान हैं। अब खबरों में बताया गया है कि शहर का बड़ा हिस्सा हैजा की चपेट में आ गया है। कुछ डॉक्टरों का दावा है कि पिछले कुछ दिनों में हैजा के मामलों में 50 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
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