भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक शीर्ष राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को उनकी पार्टी पर शराब लाइसेंस के बदले में रिश्वत लेने के आरोप में महीनों जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को जमानत दे दी गई।
देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री और इस साल की शुरुआत में राष्ट्रीय चुनावों में मोदी से मुकाबला करने वाले विपक्षी गठबंधन के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल को लंबे समय से चल रही भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में पहली बार मार्च में हिरासत में लिया गया था। उनके एक सहयोगी ने उस समय उनकी गिरफ्तारी को मोदी की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा रचित एक 'राजनीतिक साजिश' बताया था।
सुप्रीम कोर्ट की दो न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया कि केजरीवाल की गिरफ्तारी वैध थी, लेकिन उनके खिलाफ आरोपों का मुकाबला करते समय उन्हें हिरासत से रिहा किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के फैसले में कहा कि लंबे समय तक कैद में रखना अन्यायपूर्ण तरीके से स्वतंत्रता से वंचित करना है।
केजरीवाल को पहले इसी अदालत ने इस साल के आम चुनाव में प्रचार करने की अनुमति देने के लिए कई हफ्तों के लिए रिहा कर दिया था। लेकिन मतदान समाप्त होने के बाद उन्हें हिरासत में वापस कर दिया गया। उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था जब केजरीवाल सरकार ने तीन साल पहले राजधानी में शराब की बिक्री को उदार बनाने की नीति लागू की थी।
नीति को अगले वर्ष वापस ले लिया गया लेकिन लाइसेंस के कथित भ्रष्ट आवंटन की जांच के परिणामस्वरूप केजरीवाल के दो शीर्ष सहयोगियों को जेल में डाल दिया गया। उनके एक सहयोगी और भरोसेमंद तथा दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी कुछ दिनों पहले ही जमानत मिली है और वह एक बार फिर से राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं।
मोदी सरकार पर आरोप
भाजपा और भारत के प्रधानमंत्री मोदी के विरोधी उन पर सत्ता और सरकारी मशीनरी का अपने हितों का इस्तेमाल करने और विरोधियों को शिकंजे में लेने का आरोप लगाते रहे हैं। मोदी के राजनीतिक विरोधियों और अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों ने लंबे समय से भारत के सिकुड़ते लोकतांत्रिक स्थान पर चिताएं जताई हैं। अमेरिकी थिंक टैंक फ्रीडम हाउस ने इस साल कहा था कि बीजेपी ने 'राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए सरकारी संस्थानों का इस्तेमाल तेजी से किया है।'
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login