भारतीय प्रवासी संगठन इंडियास्पोरा ने अमेरिकी चुनाव के दौरान भारतीय मूल के अमेरिकी उम्मीदवारों के खिलाफ नस्लीय हमलों की कड़ी निंदा की है।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रतिनिधि संगठन इंडियास्पोरा ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी राजनीति के दोनों दलों के प्रमुख भारतीय-अमेरिकी नेताओं को उनकी नस्ल के आधार पर शर्मनाक तरीके से निशाना बनाया गया है। यह देश के विविध, समावेशी, समानता के मूल्यों के खिलाफ है।
इंडियास्पोरा का यह बयान राजनीति में नस्लीय भेदभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आया है। इसे देखते हुए सरकार में सभी स्तरों पर समावेशिता और सम्मान पर फोकस करने की अपील की गई है।
इंडियास्पोरा की तरफ से हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी प्रशासन में करीब 150 भारतीय अमेरिकी सीनियर सरकारी पदों पर हैं। पिछले एक दशक में इसमें 150 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह अमेरिका की सेवा करने के भारतीय प्रवासियों के समर्पण को दर्शाती है।
इसके अलावा पांच भारतीय-अमेरिकी अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। इनके अलावा कम से कम दो और भारतवंशी आगामी चुनावों में किस्मत आजमा रहे हैं।
इंडियास्पोरा ने भारतीय अमेरिकी समुदाय की आवाज उठाने और सकारात्मक ताकत बनने की प्रतिबद्धता जताई है। संगठन ने सभी के लिए समानता और अवसर में उच्चतम आदर्श बनाए रखने वाले राष्ट्र की मजबूती के लिए प्रयास करते रहने का वादा दोहराया है।
संगठन ने बयान में कहा कि अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासी देश की बहुत परवाह करते हैं और अच्छाई की ताकत बनने को प्रतिबद्ध हैं। इंडियास्पोरा में हम एक ऐसे राष्ट्र के लिए प्रयास करते रहेंगे जो हमारे उच्चतम आदर्शों पर खरा उतरे।
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