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भारतीय-अमेरिकियों के योगदान पर इंडियास्पोरा ने जारी की खास रिपोर्ट, जानें डिटेल्स

सीरीज की पहली रिपोर्ट में खासतौर से पब्लिक सर्विस, व्यापार, संस्कृति और इनोवेशन पर फोकस किया गया है। इस सीरीज के तहत ऐसे प्रवासी भारतीयों पर फोकस किया गया है जो आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में अहम योगदान दे रहे हैं।

भारतीय मूल के कई नामी अमेरिकियों ने रिपोर्ट में अपनी कहानी बताई है। /

अमेरिका में भारतीयों के योगदान पर सीरीज की पहली रिपोर्ट "इंडियास्पोरा इम्पैक्ट रिपोर्ट: स्मॉल कम्युनिटी, बिग कंट्रीब्यूशंस" वाशिंगटन डीसी में जारी कर दी गई है। इसमें खासतौर से पब्लिक सर्विस, व्यापार, संस्कृति और इनोवेशन पर फोकस किया गया है। 

रिपोर्ट तैयार करने वाले बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप एक्स के उत्तरी अमेरिका के क्षेत्रीय प्रमुख शेष अय्यर ने कहा कि तमाम नामी कंपनियों के सीईओ और स्पेलिंग बी चैंपियन के रूप में भारतीय अमेरिकी इस देश में अपनी पहचान बना रहे हैं। वे अमेरिका को अपना 'घर' मानते हैं। 

इस सीरीज के तहत ऐसे प्रवासी भारतीयों पर फोकस किया गया है जो आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में अहम योगदान दे रहे हैं। अमेरिकी संस्कृति पर इनका प्रभाव और भी ज्यादा अधिक असरदार तरीकों से पहुंच रहा है।  

FedEx Corporation के सीईओ राज सुब्रमण्यम ने कोरोना काल के दौरान भारतीयों के योगदान को याद करते हुए बताया कि भारत में जब ये महामारी लोगों को अपना शिकार बना रही थी, तब हमने मदद के लिए एक ग्रुप बनाने का फैसला किया। जब आपके पड़ोस में संकट आया हो, तब मदद करना आपका फर्ज है। 

राज ने कहा कि हमने किस तेजी से काम किया, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शनिवार को हमें भारत में कोरोना की सूचना मिली और रविवार की सुबह 11 बजे तक फॉर्च्यून 100 कंपनियों में से 60 के सीईओ कॉल पर मदद के तरीकों पर विचार करने के लिए जुट चुके थे।

उन्होंने बताया कि एक शाम मुझे डलास में एक युवा लड़की का फोन आया। उसने कहा कि हैदराबाद में मेरे पिता की जान संकट में है। मेरे हाथ में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर है, क्या आप उसे वहां भिजवा सकते हैं। इसके बाद हमने 12 घंटे के अंदर ही ऐसा सिस्टम बनाया कि लोग FedEx के रिटेल आउटलेट से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ले सकें। भारत के लिए हमने 40 उड़ानों का इंतजाम किया।  हमने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जुटाए और उनमें से 1500 वहां भेज दिए। 

मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर और मैरीलैंड महिला हॉल ऑफ फ़ेम से सम्मानित अरुणा मिलर ने सेंट लुइस में अपनी परवरिश के दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में तूफान पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने अपनी बहन के साथ मिलकर किस तरह धन इकट्ठा किया। उन्होंने कहा कि हम जिस-जिस घर में गए, सबने हमें पैसे दिए और मदद की। 

इनके अलावा नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ के सेथुरमन पंचनाथन, यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल के रिटायर्ड राजदूत अतुल केशप, शेखर नरसिम्हन, कांग्रेसमैन राजा कृष्णमूर्ति, श्री थानेदार, शेष अय्यर और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के संतोष अप्पाथुराई ने भी अपने-अपने अनुभवों के बारे में बताया।

इस रिपोर्ट के रिलीज अवसर पर बीसीजी की सह-लेखक अमृता ओक और इंडियास्पोरा की शोभा विश्वनाथन भी मौजूद थीं। यह रिपोर्ट इंडियास्पोरा की वेबसाइट पर उपलब्ध है।



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