पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना अब भारतीय और अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अब काफी महंगा पड़ने वाला है। दरअसल, अल्बनीज सरकार ने इंटरनेशनल स्टूडेंट वीजा की फीस में 125 फीसदी की भारी भरकम बढ़ोतरी कर दी है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नया फीस स्ट्रक्चर 1 जुलाई से लागू हो गया है। इसके तहत इंटरनेशनल स्टूडेंट वीजा के लिए अब 710 डॉलर के बजाय 1600 डॉलर की रकम चुकानी होगी। इस तरह इसमें 125 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी की गई है।
सरकार का कहना है कि वीजा फीस में बढ़ोतरी से होने वाली अतिरिक्त आमदनी का इस्तेमाल उच्च शिक्षा सहयोग योजना (HECS) में सुधार करने, पेड प्रैक्टिकल अनुभव में मदद करने और फीस मुक्त यूनी रेडी कोर्सों का विस्तार करने में किया जाएगा। साथ ही, इससे अस्थायी कुशल प्रवासन आय सीमा बढ़ाने और प्रवासियों का शोषण रोकने के नए नियम लागू करने में भी मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने टेंपरेरी स्किल्ड माइग्रेशन इनकम लिमिट (TSMIT) को भी बढ़ाने का फैसला किया है। अस्थायी कुशल प्रवासन आय सीमा (TSMIT) को 70,000 डॉलर से बढ़ाकर 73,150 डॉलर किया गया है। मौजूदा सरकार के कार्यकाल में दूसरी बार ये बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले 53,900 डॉलर की लिमिट थी। करीब एक दशक के लंबे अंतराल के बाद इसमें बदलाव किया गया था।
इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अस्थायी स्नातक वीजा की अवधि कम करने और आयु पात्रता कम करने का भी निर्णय लिया है। सरकार का उद्देश्य 'वीजा होपिंग' पर अंकुश लगाकर उन खामियों को दूर करना है, जो छात्रों और अन्य अस्थायी वीजा धारकों को अनिश्चित काल तक प्रवास की अनुमति देते हैं।
सरकार ने अस्थायी कुशल प्रवासियों की गतिशीलता अवधि को भी बढ़ा दिया है। नियोक्ता अब ऑस्ट्रेलिया में 60 दिनों से लेकर 180 दिनों तक रखने के लिए स्पॉन्सर कर सकेंगे।
गृह मामलों के मंत्री क्लेयर ओ'नील ने इन सुधारों को जायज ठहराते हुए कहा कि हमें सरकार में आने पर विरासत में बर्बाद हो चुकी प्रवासन प्रणाली मिली थी। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में भी शोषण हो रहा था। इसमें सुधार करना आवश्यक था। इसी को देखते हुए ये फैसले लिए गए हैं।
हालांकि ऑस्ट्रेलियाई सरकार के इन फैसलों का विरोध भी हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया में कई उच्च शिक्षा संस्थानों के संगठन ग्रुप ऑफ ऐट ने एक्स पर जारी बयान में कहा कि अल्बानियाई सरकार का अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा शुल्क को दोगुने से भी अधिक करने के फैसले से देश के एजुकेशन सेक्टर पर काफी बुरा असर पड़ने वाला है। कम प्रतिभा संपन्न छात्रों को देश में आने से रोकने के नाम पर लिए गए इस फैसले का असल उद्देश्य कमाई बढ़ाना है।
Australia’s international education sector has taken another massive hit with the Albanese Government’s decision to more than double the fee for international student visas in a blatant revenue raising move masked as deterring low quality students.
— #Go8 (@GroupOfEight) July 1, 2024
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