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कनाडा की संसद में गूंजा अयोध्या के राम मंदिर का मुद्दा

सांसद चंद्र आर्य ने कनाडाई संसद में कहा कि दुनिया भर में बसे अरबों हिंदुओं के लिए 22 जनवरी 2024 का दिन एक नए युग की शुरुआत जैसा है। यह दिन हिंदू धर्म के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है।

भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने राम मंदिर पर संसद में बयान दिया। / Facebook @Chandra Arya

भारत के अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के उद्घाटन की गूंज कनाडा की संसद तक सुनाई दी है। कनाडाई संसद में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा दुनिया भर में बसे अरबों हिंदुओं के लिए नए युग का सूत्रपात है।

कनाडाई संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में 2015 से नेपियन इलाके का प्रतिनिधित्व कर रहे चंद्र आर्य की छवि देश में एक लिबरल राजनेता के रूप में है। हाल ही में उन्होंने मिसिसॉगा में राम मंदिर पर हुए हमले का मामला भी संसद में उठाया था और हिंदू विरोधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। 



सांसद चंद्र आर्य ने संसद में राम मंदिर पर अपने बयान की जानकारी बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। दुनिया भर के 1.2 अरब से ज्यादा हिंदू हैं। कनाडा में ही हिंदू धर्म को मानने वालों की संख्या दस लाख से अधिक है। 

आर्य ने कहा कि इन सभी हिंदुओं के लिए 22 जनवरी 2024 का दिन एक नए युग की शुरुआत जैसा है। यह दिन हिंदू धर्म के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। सदियों की आकांक्षाओं और अपार बलिदानों के बाद अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के साथ उद्घाटन हो चुका है। 

उन्होंने कहा कि कनाडा में लगभग 115 मंदिरों और कार्यक्रमों में हिंदुओं ने इस आयोजन को साक्षात अनुभव किया। मैंने भी ओटावा के हिंदू मंदिर में इस भावनात्मक क्षण का लाइव कवरेज देखा।

सांसद आर्य ने कहा कि हिंदू धर्म की जन्मस्थली भारत एक प्रमुख वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक ताकत के रूप में उभरने के लिए अपनी सभ्यता का पुनर्निर्माण कर रहा है। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण इसका एक अहम पड़ाव है। 

उन्होंने भारत और कनाडा के बीच साझेदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि आर्थिक अवसरों को साझा करने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देश स्वाभाविक भागीदार हैं। बता दें कि कनाडा मे खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर पिछले कुछ समय से भारत और कनाडा के संबंध तल्ख हैं। 

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