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भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत इन मायनों में अहम है

यह चर्चा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक दर्जन स्थलों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की है। समुद्री सुरक्षा से के साथ ही दोनों के बीच इजरायल-हमास संघर्ष की स्थिति को लेकर भी चर्चा हुई।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री ने कई मुद्दों पर बात की। / @alokdubey1408

लाल सागर में माल ढोने वाले जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमले ने भारत सहित तमाम देशों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं। इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने दक्षिणी लाल सागर और अदन की खाड़ी में अंधाधुंध हूती हमलों पर साझा चिंताओं पर चर्चा की। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि मेरे मित्र अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ अच्छी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हमारी बातचीत समुद्री सुरक्षा चुनौतियों, विशेष रूप से लाल सागर क्षेत्र पर केंद्रित थी। गाजा सहित पश्चिम एशिया में चल रही स्थिति पर चर्चा हुई। इसके अलावा यूक्रेन संघर्ष से संबंधित घटनाक्रमों पर अपने-अपने नजरिये का आदान-प्रदान किया।

यह चर्चा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक दर्जन स्थलों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की है। एसोसिएटेड प्रेस ने कई अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि टारगेट में लॉजिस्टिक हब, वायु रक्षा प्रणाली और हथियार भंडारण स्थान शामिल थे। इजरायल-हमास के बीच संघर्ष के शुरू होने के बाद से वाणिज्यिक जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के लगातार अभियान के जवाब में ये हमले पहली अमेरिकी सैन्य प्रतिक्रिया है।

अमेरिकी विदेश विभाग के एक बयान के अनुसार, इन हमलों की प्रकृति, कारोबार में बाधा, निर्दोष नौसैनिकों को खतरे में डालना और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करना बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। मिलर के मुताबिक विदेश मंत्री ब्लिंकन ने जोर देकर कहा कि लाल सागर एक प्रमुख कारोबारी गलियारा है जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाता है। उन्होंने क्षेत्र में आवागमन की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए भारत के साथ बढ़ते सहयोग का स्वागत किया।

समुद्री सुरक्षा से के साथ ही दोनों की बातचीत में इजरायल-हमास संघर्ष की स्थिति को लेकर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने संघर्ष को बढ़ने से रोकने के लिए ठोस प्रयासों पर चर्चा की और गाजा में नागरिकों को मानवीय सहायता के वितरण को बढ़ाने के तरीकों पर विचार विमर्श किया।

 

 

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