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प्रतिनिधि जयपाल ने संघीय जेलों में आप्रवासियों की हिरासत पर जवाब मांगा

जयपाल और उनके सहकर्मी प्रशासन से इस सिद्धांत को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह कर रहे हैं कि आव्रजन सुनवाई का इंतजार कर रहे गैर-नागरिकों को दोषी अपराधियों जैसी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।

भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी प्रमिला जयपाल / X@Pramila Jayapal

भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी और आव्रजन अखंडता, सुरक्षा तथा प्रवर्तन उपसमिति की रैंकिंग सदस्य प्रमिला जयपाल (WA-07) ने नागरिक आव्रजन कार्यवाही के दौरान संघीय जेलों में गैर-नागरिकों की हिरासत के बारे में ट्रम्प प्रशासन से जवाब मांगा।

होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) सचिव क्रिस्टी नोएम और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को संबोधित एक पत्र में जयपाल ने अपने सहयोगियों के साथ उन रिपोर्टों पर चिंता जताई जिनमें दावा किया गया है कि यू.एस. आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) जेल ब्यूरो (BOP) सुविधाओं में बंदियों को रख रहा है। इनमें व्यापक यौन शोषण की रिपोर्टों के कारण बंद होने वाले भी कारागार भी शामिल हैं।

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जयपाल ने लिखा कि आपराधिक जेल सुविधाओं में गैर-नागरिकों की हिरासत आव्रजन कानून की नागरिक प्रकृति का खंडन करती है, आव्रजन प्रवर्तन को और अधिक आपराधिक बनाने का जोखिम उठाती है और संघीय जेल प्रणाली के इच्छित उद्देश्य से महत्वपूर्ण संसाधनों को हटाती है।

जयपाल और अन्य सांसदों ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि ICE बंदियों को पहले इस्तेमाल के लिए अनुपयुक्त मानी जाने वाली सुविधाओं में रख सकता है, जैसे कि फेडरल प्रिजन कैंप मॉर्गनटाउन और फेडरल करेक्शनल इंस्टीट्यूशन डबलिन, जिनमें से बाद वाला व्यापक यौन शोषण के आरोपों के कारण बंद होने वाला है।

पत्र में इन संघीय सुविधाओं में हिरासत में लिए गए गैर-नागरिकों की संख्या, उनकी हिरासत की स्थितियों, दुर्व्यवहार या दुर्व्यवहार की किसी भी रिपोर्ट और इन साइटों को चुनने के मानदंडों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई है। सांसदों ने 14 मार्च तक DHS और न्याय विभाग से जवाब मांगा है।

पारदर्शिता के लिए किया गया जयपाल का यह प्रयास ICE की अपनी इस मान्यता के बाद आया है कि आव्रजन हिरासत 'गैर-दंडात्मक' है। जयपाल और उनके सहकर्मी प्रशासन से इस सिद्धांत को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह कर रहे हैं कि आव्रजन सुनवाई का इंतजार कर रहे गैर-नागरिकों को दोषी अपराधियों जैसी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।

इस पत्र पर कांग्रेस के कई सदस्यों ने सह-हस्ताक्षर किए हैं। इनमें प्रतिनिधि यासमीन अंसारी (AZ-03), नैनेट बैरागन (CA-44), ग्रेग कैसर (TX-35), जूडी चू (CA-28) और जेसुस 'चूय' गार्सिया (IL-04) शामिल हैं। DHS और न्याय विभाग ने अभी तक पत्र का जवाब नहीं दिया है।

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