सियासी रूप से संकटग्रस्त अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को 7 जुलाई को अपनी उम्मीदवारी को लेकर चिंतित साथी डेमोक्रेट्स के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ा। इस चिंता को उन्होंने पेंसिल्वेनिया में अभियान रोककर कम करने का जतन किया।
81 वर्षीय बाइडेन की 27 जून को रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प (78) के साथ बहस हुई थी। बहस में खराब प्रदर्शन के बाद साथी-समर्थकों की ओर से यह मांग बढ़ने लगी है कि वे चुनावी दौड़ से हट जाएं। यह मांग उनकी बढ़ती उम्र और काम करने की क्षमताओँ पर आधारित है। उम्र के लिहाज से अगले चार वर्षों तक काम करने की उनकी क्षमता पर सवाल उठे हैं। इस बीच उन्होंने 6 जुलाई को एक धन उगाहने वाले ईमेल में खुद को बाहर करने के आह्वान को 'बकवास' कहकर खारिज करते हुए दौड़ में बने रहने की बात दोहराई है।
7 जुलाई को डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति का फिलाडेल्फिया के एक ब्लैक चर्च में गर्मजोशी से स्वागत किया गया और बाद में वे यूनियन सदस्यों के साथ एक कार्यक्रम के लिए पेंसिल्वेनिया राज्य की राजधानी हैरिसबर्ग भी गए। अश्वेत मतदाता बाइडेन के समर्थन आधार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और हाल ही में हुए जनमत सर्वेक्षण से पता चला है कि उनके प्रति समर्थन में नरमी आई है।
चर्चा से परिचित एक सूत्र ने बताया कि 7 जुलाई को हाउस डेमोक्रेटिक लीडर हकीम जेफ़रीज़ द्वारा बुलाए गए नेतृत्व कॉल पर कुछ हाउस डेमोक्रेट्स ने कहा कि बाइडेन को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में पद छोड़ देना चाहिए।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रतिनिधि जेरोल्ड नाडलर, एडम स्मिथ, मार्क ताकानो और जो मोरेल, वरिष्ठ हाउस डेमोक्रेट, जो न्यायपालिका, सशस्त्र सेवाओं, वयोवृद्ध मामलों और हाउस प्रशासन समितियों में बैठते हैं उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने बिडेन से पद छोड़ने का आह्वान किया था।
डेमोक्रेट्स ने यह भी सुझाव दिया कि अगर बाइडेन 'बैठ' जाते हैं तो उनकी जगह उपराष्ट्रपति कमला हैरिस अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं। हैरिस को 5 नवंबर के चुनाव में बाइडेन की जगह लेने के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है।
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