पिछले साल बॉलीवुड के बादशाह की फिल्म पठान की कामयाबी के लिए जितनी चर्चा खुद शाहरुख खान ने बटोरी उससे कम तारीफ के हकदार जॉन अब्राहम भी नहीं हैं। यह सही है कि पठान की पूरी कहानी शाहरुख पर केंद्रित रही मगर जॉन की मौजूदगी के बगैर शायद फिल्म को वह कामयाबी हासिल नहीं हो पाती जो कि उसे मिली। वजह साफ है- जॉन की धमाकेदार मौजूदगी और दमदार काम।
जहां तक फिल्म को लेकर लोगों के रेस्पॉन्स की बात रही तो उन्होंने शाहरुख और दीपिका के साथ ही जॉन के काम की भी समान रूप से तारीफ की। समीक्षकों ने भी जॉन को शाहरुख से कम नंबर नहीं दिये। फिल्म की कामयाबी के बाद शाहरुख-दीपिका हर जगह दिखाई दिये मगर जॉन हमेशा की तरह किसी चमक-दमक वाली जगह नहीं दिखे। हां इतना जरूर हुआ कि 17 दिसंबर को उन्होंने खुद को एक हायाबुसा गिफ्ट की। वह भी इसलिए कि दिसंबर की इस तारीख को उनका जन्म दिन होता है।
अन्य फिल्मी सितारों से अलग जॉन बहुत शांत रहते हैं। हंगामों में कहीं नजर नहीं आते। वे अपनी खुशी भी उतने ही शांत तरीके से व्यक्त करते हैं। ऐसे कि वह सुर्खियों में नहीं होती। जॉन की सहजता इतनी है कि अगर किसी फिल्मी मैगजीन के कवर पर उनकी किसी के साथ कोई फोटो है और वह ठीक से नहीं दिख रही या कि कोई एंगल ठीक नहीं है तब भी आप अगर उनसे पूछेंगे तो वह यही कहेंगे कि 'ठीक' है।
मुझे याद कि जब मेरा पहली बार जॉन के घर जाना हुआ और मैंने उनसे लोकेशन पूछी तो उनका कहना था कि मैं शाहरुख खान के 'मन्नत' और सलमान की 'गैलेक्सी' के ठीक बीच रहता हूं। इसी बात से जॉन की सहजता और सादगी का अंदाजा लगाया जा सकता है। और यह तो सब जानते ही हैं कि जॉन इस तरह के दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम करते हुए ही अपने करियर में आगे बढ़े हैं और अपनी एक पहचान बनाई है।
उस समय जब वह साल में कई फिल्में एक साथ कर रहे थे तब भी वह एक छोटे से घर में रहते थे जिसमें एक अपेक्षाकृत कुछ बड़ा कमरा हुआ करता था। और वहीं किचन भी होती थी। उनके कद का कोई अभिनेता इस सादगी से रहता हो यह यकीन करना कठिन है। वह आमतौर पर भी उतने ही सादा और सहज रहते हैं। चप्पल पहनना पसंद करते हैं। अलबत्ता जब भी कोई फिल्म साइन करने की बात होती है तो उनके पास ढेर सारे सवाल होते हैं। और अगर एक बार उनको किसी निर्देशक की कोई चीज पसंद आ गई तो फिर आंखें बंद करके काम करने का भरोसा वाली वात हो जाती है।
जहां तक निजी जीवन की बात है तो उन्होंने लंबे समय तक प्रिया रूंचाल और अपने बारे में बातें छुपाकर ही रखीं। बात थोड़ा बहुत लोगों को यही पता है कि वे प्रिया से जिम में मिले जहां कभी वह अपनी एक्स बिपाशा के साथ एक्सरसाइज किया करते थे। अलबत्ता जब बात खबरों के रूप में सामने आई तो उनको बहुत अच्छा नहीं लगा। शायद इसीलिए कि जॉन हमेशा से ही चमक, सुर्खियों और चर्चाओं से दूर ही रहना पसंद करते हैं।
जॉन बहुत कम बोलते हैं। और बोलते भी तब हैं जब तक कि जरूरी न हो जाए। हां वे अपने पालतू जानवरों के बारे में खूब बातें करते हैं। सिया और बेली उनके परिवार के सदस्यों की तरह ही हैं। वे उनके साथ वही सारी खुशियां साझा करते हैं जो परिवार के लोगों के साथ करते हैं। जॉन पशु-प्रेमी हैं और उनकी रक्षा की खातिर चल रहे अभियानों के मुखर समर्थक भी हैं। वे पेटा के सदस्य हैं। शाकाहारी हैं और पशुओं की खातिर पैसा खर्च करने में भी कभी पीछे नहीं रहृते। पशु अधिकारों के हक में उनकी आवाज सदैव मुखर रही है। इतनी वकालत तो वह अपने लिए भी नहीं करते जितनी कि पशु अधिकारों के लिए करते हैं।
-शुबर्ना मुकर्जी शू
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