भारतीय-अमेरिकी पत्रकार और सीएनएन के "फरीद जकारिया जीपीएस" के होस्ट फरीद जकारिया आगामी 7 अगस्त को यूसी सैन डिएगो में अमेरिका-चीन संबंधों पर सुसान शिर्क व्याख्यान देंगे।
यह इवेंट यूसी सैन डिएगो चाइना फोरम का हिस्सा है। इसका आयोजन यूसी सैन डिएगो स्कूल ऑफ ग्लोबल पॉलिसी एंड स्ट्रैटेजी के 21वीं सेंचुरी चाइना सेंटर द्वारा किया जा रहा है।
अमेरिका-चीन संबंधों पर यूसी सैन डिएगो फोरम का यह छठा साल है। इसमें खासतौर से चीन और अमेरिका-चीन संबंधों पर चर्चा की जाती है। इस साल की थीम "वाइडनिंग द एपर्चर: यूएस-चाइना रिलेशंस इन ग्लोबल कंटेक्स्ट" है।
यूसी सैन डियागो चाइन फोरम 7 अगस्त से 10 अगस्त तक चलेगा। इसमें विभिन्न शिक्षाविद, थिंक टैंक, सरकार, व्यापार एवं सेना से जुड़े लीडर शामिल होंगे। ये क्षेत्र व्यापार, सुरक्षा, प्रौद्योगिकी एवं विचारधारा से जुड़े मौजूदा विवादों से गहराई से जुडे़ हैं।
वैसे तो फोरम में एंट्री केवल आमंत्रण पर होगी, लेकिन 7 अगस्त को ज़कारिया का शो आम लोगों के लिए खुला रहेगा। वह विनिंग द कोल्ड पीसः ए न्यू पाथ टु यूएस-चाइना रिलेशंस पर लेक्चर देंगे। इसमें पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके और फिलहाल फोरम के सह-अध्यक्ष स्टीफन हेडली के साथ सवाल जवाब का सेशन भी होगा।
चांसलर प्रदीप के. खोसला ने कहा कि फरीद जकारिया एक विचारशील नेता और सार्वजनिक मामलों व अमेरिका-चीन संबंधों पर प्रमुख आवाज हैं। हम उनका स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं। यूसी सैन डिएगो चाइना फोरम एशिया और अमेरिका पर स्कूल ऑफ ग्लोबल पॉलिसी एंड स्ट्रैटेजी की नेतृत्वकारी विशेषज्ञता का उदाहरण है।
स्कूल ऑफ ग्लोबल पॉलिसी एंड स्ट्रैटेजी के डीन कैरोलिन फ्रायंड ने अमेरिका में चुनावी मौसम के दौरान इस फोरम के महत्व पर कहा कि चीन के संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि वैश्विक स्थिरता, आर्थिक समृद्धि और विभिन्न वैश्विक चुनौतियों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
फरीद जकारिया द वाशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार और बेस्टसेलिंग लेखक भी हैं। उन्होंने जो बाइडेन, बराक ओबामा, व्लादिमीर पुतिन और दलाई लामा जैसी हस्तियों का इंटरव्यू किया है। जकारिया का डेली डिजिटल न्यूजलेटर, फरीद की ग्लोबल ब्रीफिंग और उनका वाशिंगटन पोस्ट कॉलम व्यापक रूप से पढ़ा जाता है।
जकारिया ने न्यूयॉर्क टाइम्स की पांच बेस्टसेलिंग किताबें लिखी हैं। इसमें उनकी लेटेस्ट "एज ऑफ रेवोल्यूशन्स" (2024) शामिल है। यह किताब भी इस कार्यक्रम में उपलब्ध होगी।
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