ADVERTISEMENTs

चर्चा में हैं जूनियर बच्चन

फिल्म को आलोचकों ने भी पसंद किया और अभिषेक की तारीफ की। उनकी पिछली फिल्म 'घूमर' को भी पूरे देश और विदेश में गर्मजोशी से सराहा गया।

अभिषेक बच्चन की फिल्म 'आई वांट टू टॉक' अब भी फिल्मी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। / X@Abhishek

अभिषेक बच्चन की फिल्म 'आई वांट टू टॉक' अब भी फिल्मी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। एक शांत सी फिल्म और प्रचार के बिना भी इसने दिलों को छूआ है। धीमे, थोड़े मोटे अर्जुन को देखते ही आपको पता चल जाएगा कि अभिषेक ने इस भूमिका को बखूबी निभाया है। तभी तो शूजित सरकार ने फिल्म में अभिषेक की शांत प्रतिभा की सराहना कुछ इस तरह से की- अर्जुन के परिवेश में उसे ढलते हुए देखना, अभिषेक को एक अभिनेता के रूप में समझना था...। फिल्म को आलोचकों ने भी पसंद किया और अभिषेक की तारीफ की। उनकी पिछली फिल्म 'घूमर' को भी पूरे देश और विदेश में गर्मजोशी से सराहा गया। ऐसा लगता है कि बच्चन जूनियर ने अपने करियर के इस चरण का आनंद लेने की ठानी है।

शुरुआत
अभिषेक बच्चन ने अपने करियर की शुरुआत उस तरह से नहीं की, जिस तरह से आजकल के ज्यादातर स्टार किड्स करते हैं। बेशक, अमिताभ बच्चन का बेटा होना हमेशा से ही उनके लिए एंट्री टिकट रहा है, जिसने उन्हें ऐसी पहुंच दी जो कई लोगों को नहीं मिलती। लेकिन वे सीधे अपने 'आलीशान' जीवन में नहीं चले गए। बहुत कम लोग जानते हैं कि अभिषेक ने एक समय पर जीवन बीमा पॉलिसी भी बेची थीं। यह सब सिर्फ यह जानने के लिए कि असल जिंदगी क्या होती है। इंडस्ट्री में उनका पहला काम 'और प्यार हो गया' जैसी फिल्मों के लिए शूटिंग लोकेशन पर जाना था। फिर भी आखिरकार उन्होंने 'रिफ्यूजी' से डेब्यू किया। उम्मीदों और प्रचार के बावजूद अभिषेक को 'धूम' तक अधिक सफलता नहीं मिली!

एक वाकया
धूम के बारे में बात करते हुए क्या आपको 'तारे जमीन पर' में आमिर खान का संवाद याद है? 'बचपन में इसे भी पढ़ने लिखने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब देखो क्या धूम मचा रहा है।' आमिर ने डिस्लेक्सिया के बारे में लोगों को सिखाने के लिए अभिषेक का उदाहरण इस्तेमाल करने से पहले उनकी अनुमति मांगी, क्योंकि वह अपने दर्शकों को यह बताना चाहते थे कि अगर सावधानी से संभाला जाए तो इस विकलांगता पर विजय पाई जा सकती है। यह एक तथ्य है कि अभिषेक को 9 साल की उम्र में डिस्लेक्सिया का पता चला था। माता-पिता और उचित मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद कि अभिषेक ने इस सीखने की विकलांगता पर काबू पा लिया और बोस्टन विश्वविद्यालय में अपनी उच्च शिक्षा पूरी की। लेकिन बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातक करना उनके लिए संभव नहीं था सो अभिषेक बिना किसी डिग्री के मुंबई लौट आए। लेकिन उनके मन में अभिनेता बनने की नई ख्वाहिशें थीं।

थियेटर और थप्पड़
लेकिन फिल्में और सफलता जूनियर बच्चन को आसानी से नहीं मिली। इसे अभिषेक कभी नहीं भूलते। एक बार एक थिएटर में एक महिला प्रशंसक उनकी फिल्म 'शरारत' को देखकर भड़क गई। वह बच्चन के पास गई और उनके चेहरे पर थप्पड़ मार दिया। वह इस बात से बहुत परेशान थी कि वह एक ऐसी फिल्म का हिस्सा बनने जा रहे हैं जिसने उनकी विरासत को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। उसने उन्हें कहा कि वह अपने पिता की अच्छी-खासी प्रतिष्ठा को बर्बाद कर रहे हैं। जाहिर है कि अभिषेक उस अनुभव से हिल गए थे और कुछ समय के लिए उन्होंने अपना ध्यान और खुद पर से विश्वास लगभग खो दिया था। हालांकि, सालों बाद वह एक बार फिर उसी जगह आए जहां उनकी फिल्म बोल बच्चन देखने के लिए हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। उन्होंने गर्व के साथ माहौल की तस्वीर खींची और अपने पिता को भेजी। यह वही जगह थी जहां एक बार उन्हे थप्पड़ मारा गया था।

एक पति...
बच्चन परिवार के बारे में इतनी सारी अफवाहें उड़ती रही हैं कि सच्चाई अक्सर धुंधली हो जाती है। अभिषेक और ऐश्वर्या राय बच्चन को गपशप करने वालों ने खासा परेशान भी किया है। उनकी शादी को खात्मे तक ला दिया गया। यहां तक कि उनके तलाक की तारीख भी तय कर दी गई। लेकिन यह जोड़ा भीड़ को छोड़कर चुपचाप अपनी प्यारी बेटी के साथ एकांत में चला गया। अभिषेक हमेशा एक पति के रूप में ऐसे ही रहे हैं जो अपने शब्दों से ज्यादा अपने कामों से बात करते हैं। वह ऐश को अपना शांत करने वाला कारक कहते हैं और वह स्पष्ट रूप से उनकी ताकत भी रहे हैं। 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related