जैसे-जैसे हम चुनाव के करीब पहुंच रहे हैं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के ऐतिहासिक और परिवर्तनकारी प्रभाव पर विचार करना महत्वपूर्ण है। हैरिस यानी एक ऐसी नेता जिनकी यात्रा ने बाधाओं को तोड़ा है और महिलाओं तथा अश्वेत लोगों और विशेष रूप से भारतीय अमेरिकी समुदाय के लिए नई मिसाल कायम की है। हैरिस का उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचना एक मील का पत्थर से कहीं अधिक है। यह उस प्रगति का प्रमाण है जो हमने विविधता और समावेशिता को अपनाने में एक राष्ट्र के रूप में की है और यह भविष्य की संभावनाओं की एक शक्तिशाली यादगार के रूप में काम करता है।
कमला हैरिस की दास्तान लचीलेपन और दृढ़ संकल्प से लबरेज है। भारत और जमैका के अप्रवासियों की बेटी के रूप में वह सर्वोत्कृष्ट अमेरिकी सपने का प्रतीक हैं। उनकी मां, श्यामला गोपालन, एक सपने से कुछ अधिक और बदलाव लाने की अटूट प्रतिबद्धता के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंचीं। यही प्रतिबद्धता कमला को मिली जो कम उम्र से ही प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सही के लिए खड़े होने के महत्व को समझती थीं। एक बहुसांस्कृतिक परिवार में पली-बढ़ी हैरिस को एक ऐसे देश में कई पहचानें हासिल करने की सुंदरता और जटिलता दोनों से अवगत कराया गया, जो हमेशा अश्वेत लोगों का स्वागत नहीं करता था।
अपने पूरे करियर के दौरान हैरिस को उन चुनौतियों से पार पाना पड़ा जिनके बारे में इस देश के कई अश्वेत लोग अच्छी तरह जानते हैं। ऐसी चुनौतियां जिनमें प्रणालीगत नस्लवाद, लिंग भेदभाव और सामाजिक अपेक्षाएं शामिल हैं जो अक्सर हाशिए पर रहने वाले समुदायों के व्यक्तियों की क्षमता को सीमित करती हैं। उपराष्ट्रपति पद पर उनका पहुंचना केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, यह उन सभी लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जिनका सत्ता के गलियारों में ऐतिहासिक रूप से कम प्रतिनिधित्व रहा है। यह दुनिया को संकेत देता है कि अमेरिका वास्तव में एक ऐसी जगह है जहां सपने हकीकत बन सकते हैं। आप चाहे किसी की पृष्ठभूमि से हों अथवा रास्ते में आने वाली बाधाएं कुछ भी हों। व्हाइट हाउस में हैरिस की उपस्थिति आशा की किरण है, जो दर्शाती है कि दृढ़ता, साहस और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता के साथ हम बड़ी से बड़ी बाधाओं से भी पार पा सकते हैं।
मेरे और कई अन्य भारतीय-अमेरिकियों की तरह उनकी सफलता भी बेहद व्यक्तिगत है। वह लाखों लोगों के लिए एक आदर्श के रूप में खड़ी हैं और कड़ी मेहनत, शिक्षा और सार्वजनिक सेवा के लिए प्रतिबद्धता के मूल्यों को दर्शाती हैं। यही हमारे समुदाय का केंद्र है। उनकी उपलब्धियां हमें याद दिलाती हैं कि हम भी देश में सर्वोच्च पदों के लिए प्रयास कर सकते हैं, इस देश में हमारे योगदान को न केवल मान्यता दी जाती है बल्कि उसका जश्न भी मनाया जाता है। हैरिस की सफलता पर भारतीय अमेरिकियों को जो गर्व महसूस होता है वह आप्रवासी अनुभव की साझा समझ में निहित है। यानी माता-पिता और दादा-दादी द्वारा किए गए बलिदान, सफलता के मार्ग के रूप में शिक्षा पर जोर और व्यापक समुदाय में योगदान करने की इच्छा। दक्षिण बर्कले में अपनी मां के पास से उपराष्ट्रपति पद तक हैरिस की यह यात्रा इन मूल्यों पर एक शक्तिशाली मुहर है।
हैरिस की यात्रा चुनौती रहित नहीं रही। उपराष्ट्रपति का पद संभालने वाली पहली महिला और पहली अश्वेत महिला के रूप में उन्हें अभूतपूर्व पड़तालों का सामना करना पड़ा। उनके द्वारा सहे गए दोहरे मानदंड और आलोचनाएं वह याद दिलाती हैं जिसे सच्ची समानता प्राप्त करने के लिए अभी भी किए जाने की आवश्यकता है। अध्ययनों से पता चला है कि नेतृत्व की स्थिति में महिलाएं, विशेष रूप से अश्वेत महिलाएं, अक्सर अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में कठोर निर्णय और उच्च अपेक्षाओं के अधीन होती हैं। हैरिस भी कोई अपवाद नहीं।
लेकिन हैरिस तमाम चुनौतियों का डटकर सामना करती हैं, उस शालीनता और लचीलेपन के साथ जिसने उनके करियर को परिभाषित किया है। उन्होंने इन बाधाओं को उसी दृढ़ संकल्प के साथ पार किया है जिसने उन्हे कैलिफोर्निया की अदालतों में न्याय के लिए लड़ने वाले एक युवा वकील से सरकार के उच्चतम स्तर तक पहुंचाया है। वह भविष्य की पीढ़ियों के नेताओं के लिए मार्ग प्रशस्त करते हुए बाधाओं को पार करने के लिए आवश्यक ताकत का प्रतीक हैं। उनका संयम बनाए रखने और उन मुद्दों की वकालत करना जारी रखने की क्षमता, जिन पर वह विश्वास करती हैं, विरोधियों के बावजूद उनके चरित्र और नेतृत्व का एक प्रमाण है।
अब जबकि हम 5 नवंबर को होने वाले चुनावों की ओर बढ़ रहे हैं यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि दांव पर क्या है। हैरिस का नेतृत्व उन नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण है जो हमारे राष्ट्र के विविध ढांचे को प्रतिबिंबित करती हैं। स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, आपराधिक न्याय सुधार और आर्थिक समानता के लिए उनकी वकालत सिर्फ चर्चा का विषय नहीं है वह एक निष्पक्ष और अधिक न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं। हैरिस समझती हैं कि हमारे देश के सामने आने वाले मुद्दे जटिल और परस्पर जुड़े हुए हैं और वह उन्हें एक ऐसे परिप्रेक्ष्य के साथ देखने के लिए विशिष्ट रूप से सक्रिय हैं जिनमें उन लोगों के अनुभव शामिल हैं जो बहुत लंबे समय से हाशिए पर हैं।
मिसाल के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान उनका काम यह सुनिश्चित करने में सहायक रहा है कि कमजोर समुदायों- जो वायरस से असमान रूप से प्रभावित थे - को वह ध्यान और संसाधन मिले जिनकी उन्हें जरूरत थी। मतदान के अधिकारों को आगे बढ़ाने पर उनका ध्यान ऐसे समय में आया है जब देश के कई हिस्सों में, विशेषकर अश्वेत समुदायों में इन अधिकारों पर हमला हो रहा है। पहली बार घर बनाने वालों और युवा परिवारों के लिए लागत कम करने में मदद करने के उनके लक्ष्य बिल्कुल वही हैं जिनकी इस समय में आवश्यकता है। इन क्षेत्रों में हैरिस का नेतृत्व केवल नीति के बारे में नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि प्रत्येक अमेरिकी को अपनी जाति, लिंग या सामाजिक आर्थिक स्थिति की परवाह किए बिना आगे बढ़ने का अवसर मिले।
अब जबकि हम आगामी चुनाव में अपना वोट डालने की तैयारी कर रहे हैं आइए हमारी सरकार में कमला हैरिस की भूमिका के महत्व को याद रखें। उनकी यात्रा इस बात की याद दिलाती है कि जब हम विविधता और समावेशिता को अपनाते हैं तो क्या संभव है। उनका नेतृत्व उन सभी के लिए एक प्रकाशस्तंभ है जो बदलाव लाने की इच्छा रखते हैं। आइए हम उनके उदाहरण से प्रेरित हों और ऐसे भविष्य की दिशा में काम करना जारी रखें जहां हर आवाज सुनी जाए और हर सपने को साकार होने का मौका मिले।
(लेखक थानेदार भारतीय-अमेरिकी हैं और सांसद हैं)
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