अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब गिनती के दिन बचे हैं। रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट से कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर है। दोनों नेता चुनाव जीतने के लिए तमाम रैलियों के जरिए वोटर्स को लुभा रहे हैं। इस बीचराष्ट्रपति जो बाइडेन की घरेलू नीति सलाहकार नीरा टंडन ने बयान दिया कि कमला हैरिस का फोकस भारतीय अमेरिकियों पर है। वह भारतीय अमेरिकियों के लिए ऐसे कदम उठा रही हैं, ताकि उन्हें अमेरिकी समाज और नेतृत्व उच्च मिले। पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में टंडन ने यह भी बताया कि कैसे हैरिस की पृष्ठभूमि और विरासत भारतीय अमेरिकियों को सरकार में उच्चतम पदों पर पहुंचाने की है।
भारतीय अमेरिकियों की सरकार में बढ़ती पहुंच
उन्होंने कहा कि भारतीय अमेरिकियों के लिए, कमला हैरिस का उपराष्ट्रपति बनना एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। इस पद को संभालने वाली वो पहली भारतीय अमेरिकी हैं। टंडन ने कहा कि हैरिस की निगरानी प्रशासन ने लगातार भारतीय अमेरिकी नेताओं का समर्थन किया है, उनकी आवाज और चिंताओं पर सुना ही नहीं समस्याओं के निराकरण के लिए आवश्यक कदम भी उठाए हैं। टंडन ने कहा, "हमने व्हाइट हाउस में भारतीय अमेरिकी नेताओं को शामिल करने के बारे में भी बात की है।" उन्होंने अमेरिकी नीति पर चर्चाओं में भारतीय अमेरिकियों को शामिल करने और उनके विचारों को आवश्यक भी बताया है।
हैरिस का ध्यान दिखावा नहीं, इससे कहीं आगे है। टंडन के अनुसार, वह नियमित रूप से भारतीय अमेरिकी नेताओं के साथ छोटे व्यवसाय विकास और आर्थिक विकास जैसे मुद्दों पर बातचीत करती हैं, क्योंकि ये दो ऐसे क्षेत्र हैं जो भारतीय अमेरिकी परिवारों को काफी प्रभावित करते हैं। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन का भारतीय अमेरिकियों पर भी विशेष ध्यान है। संयुक्त राष्ट्र में 10% से अधिक छोटे व्यवसायों पर भारतीय अमेरिकियों का प्रभुत्व है। हैरिस की नीतियां न केवल इस समुदाय को सफल होने में मदद कर रही हैं, बल्कि अमेरिकी आर्थिक परिदृश्य में उनकी भूमिका को भी मजबूत कर रही हैं।
भारतीय संस्कृति से लगाव
हैरिस का भारतीय अमेरिकियों के साथ जुड़ाव उनकी भारतीय संस्कृति और विरासत को दर्शाता है। टंडन ने हैरिस के बचपन की कुछ यादों को साझा किया, जिसमें हैरिस ने अपनी मां श्यामला गोपालन के बारे में बात की थी। हैरिस के मुताबिक, अपने सपनों की उड़ान लेकर वो 19 साल की उम्र में अमेरिका आई थीं। घर पर मां के हाथों की रोटी और भारतीय मसालों की खुशबू ने दिल से भारतीयता को जिंदा रखा। हैरिस की मां गोपालन का 2009 में निधन हो गया था, बकौल हैरिस उनकी मां ने उनके जीवन पर अमिट छाप छोड़ी और उन्हें कम उम्र से ही भारतीय संस्कृति और सामाजिक सक्रियता से परिचित कराया। टंडन ने बताया कि हैरिस आज भी अपनी मां के संघर्षों को याद करती हैं।
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