भारत के कश्मीर राज्य में बीती 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के खिलाफ दुनियाभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी क्रम में एकजुटता के एक शक्तिशाली और भावनात्मक प्रदर्शन में इलिनोइस, इंडियाना और विस्कॉन्सिन से 800 से अधिक भारतीय अमेरिकी सोमवार, 28 अप्रैल, 2025 को शिकागो में पाकिस्तान वाणिज्य दूतावास के सामने एकत्र हुए और कश्मीर में पहलगाम आतंकवादी हमले के निर्दोष पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की।
JOIN THE PROTEST FOR KASHMIR – STAND WITH PAHALGAM VICTIMS
— VHP America (@VHPANews) April 26, 2025
Stand in solidarity against the hate-fuelled terror attack in Pahalgam—and defend the Hindu identity under threat in Kashmir. Bring your family & friends, raise your voice, and demand justice for the victims! pic.twitter.com/Lep8zvZE8E
यू.एस.-इंडिया कम्युनिटी फाउंडेशन द्वारा आयोजित और 20 से अधिक प्रमुख सामुदायिक संगठनों द्वारा समर्थित विरोध प्रदर्शन में गहरी पीड़ा, आक्रोश और आतंकवाद का डटकर मुकाबला करने का दृढ़ संकल्प दिखाई दिया। प्रदर्शनकारियों ने बैनर लिए हुए थे और 'हिंदू जीवन मायने रखता है', 'पाकिस्तान आतंकवाद को रोके', 'पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करें' और 'आतंकवाद से लड़ने के लिए हाथ मिलाएं' जैसे नारे लगाए। इससे वैश्विक नेताओं, मीडिया और संयुक्त राष्ट्र को एक कड़ा संदेश मिला।
डॉ. भरत बरई, राकेश मल्होत्रा, अमिताभ मित्तल, नीरव पटेल, हेमंत पटेल, संतोष कुमार, हरि भाई पटेल और डॉ. राम चक्रवर्ती सहित समुदाय के नेताओं ने लोगों को संबोधित किया और पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को लगातार प्रायोजित करने की निंदा की तथा तत्काल अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग की।
विरोध प्रदर्शन के दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि आतंकवाद का एक प्रायोजक है... और दुनिया को यह जानना चाहिए। नेताओं ने आग्रह किया कि पाकिस्तान को आधिकारिक तौर पर आतंकवादी राज्य घोषित किया जाना चाहिए और लक्षित हिंसा का सामना कर रहे कमजोर समुदायों की रक्षा के लिए वैश्विक एकजुटता का आह्वान किया।
विरोध में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए प्रमुख समुदाय नेता डॉ. भरत बरई ने कहा कि हम दुख और आक्रोश में एकजुट हैं। हम मांग करते हैं कि अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए। निर्दोष पीड़ितों और उनके शोक संतप्त परिवारों को न्याय दिया जाना चाहिए। विरोध प्रदर्शन में विभिन्न समुदायों की एकजुटता देखी गई। इसमें विभिन्न संगठनों के सदस्य भारतीय अमेरिकी समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे। डॉ. बरई ने कहा कि उनके समर्थन ने घृणा और आतंकवाद की सार्वभौमिक अस्वीकृति को रेखांकित किया है।
विश्व हिंदू परिषद अमेरिका के महासचिव अमिताभ मित्तल ने कहा कि सभ्य दुनिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। हम यहां सिर्फ पहलगाम के पीड़ितों के लिए ही नहीं बल्कि कश्मीर में हिंदुओं द्वारा दशकों से झेली जा रही पीड़ा के लिए भी जवाबदेही की मांग करने आए हैं।
इस कार्यक्रम में यहूदी, नेपाली, मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोगों का उत्साहजनक समर्थन भी देखने को मिला जो नफरत, उग्रवाद और आतंक के खिलाफ एकजुट रुख का प्रतीक है। इस विरोध प्रदर्शन ने एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित किया जहां भारतीय अमेरिकियों ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब और चुप्पी नहीं। अब और मिलीभगत नहीं। कश्मीर आतंकवाद पीड़ितों के लिए न्याय एक नैतिक अनिवार्यता है जिसे दुनिया को तत्काल समझना चाहिए।
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