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हिंदूवादी नेता समेत दो भारतवंशियों पर यूके में कार्रवाई, किंग ने विशेष सम्मान छीने

रमिंदर सिंह रेंजर से कमांडर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर और अनिल कुमार भनोट से ऑफिसर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर सम्मान छीन लिया गया है।

अनिल कुमार भनोट (बाएं) और रमिंदर सिंह रेंजर। / Credit- Facebook

यूके में भारतीय मूल के दो नागरिकों को प्रदान किए गए विशेष सम्मान किंग चार्ल्स तृतीय ने छीन लिए हैं। रमिंदर सिंह रेंजर और अनिल कुमार भनोट पर अलग अलग मामले में कार्रवाई की गई है।

लॉर्ड रामी रेंजर के नाम से मशहूर भारतीय मूल के रमिंदर सिंह रेंजर से उनका कमांडर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (सीबीई) सम्मान छीन लिया गया है। किंग चार्ल्स तृतीय ने सम्मान प्रणाली को बदनाम करने के आरोप में यह कार्रवाई की है। 

कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य और ब्रिटिश एफएमसीजी कंपनी सन मार्क लिमिटेड के संस्थापक रामी रेंजर को 2015 में दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने ब्रिटेन में व्यापार बढ़ाने और एशियाई समुदाय की सेवाओं के लिए सीबीई से सम्मानित किया था। 

लॉर्ड रामी रेंजर के सम्मान को रद्द करने का फैसला ब्रिटेन के कैबिनेट कार्यालय की जब्ती समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है। समिति ने अपने फैसले के विशिष्ट कारणों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि इसकी वजह पिछले साल हाउस ऑफ लॉर्ड्स द्वारा रेंजर को संसदीय आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी ठहराया जाना है। उन्हें धमकाने और उत्पीड़न का दोषी माना गया था। 

द लंदन गजट में प्रकाशित नोटिस में कहा गया है कि किंग के आदेशानुसार रामिंदर सिंह की 31 दिसंबर 2015 की ब्रिटिश साम्राज्य के सिविल डिवीजन में 
कमांडर के तौर पर नियुक्ति रद्द की जाती है। उनका नाम इस ऑर्डर के रजिस्टर से मिटा दिया गया है। 

कैबिनेट कार्यालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, आपराधिक अपराध का दोषी पाए जाने, नियामक निकाय द्वारा निंदा किए जाने या सम्मान प्रणाली की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला व्यवहार करने पर ये सम्मान वापस लिया जा सकता है।

रेंजर के अलावा अनिल कुमार भनोट को भी ऑफिसर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (ओबीई) सम्मान से वंचित कर दिया गया है। उन्हें ये सम्मान 2010 में हिंदू समुदाय और अंतरधार्मिक संबंधों में योगदान के लिए प्रदान किया गया था। 

लंदन गैजेट के नोटिस में कहा गया है कि किंग के आदेश पर अनिल कुमार भनोट की ब्रिटिश साम्राज्य के सबसे उत्कृष्ट आदेश (ओबीई) के सिविल डिवीजन में अधिकारी नियुक्त करने का आदेश रद्द किया जाता है और उनका नाम उक्त आदेश के रजिस्टर से मिटाया दिया गया है।
 

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