कुरल कूडल सेम्मोझि फाउंडेशन (KKSF) ने 6 अप्रैल को टेक्सास के पियरलैंड स्थित श्री मीनाक्षी मंदिर के यूथ सेंटर में थिरुक्कुरल पाठ का आयोजन कर तमिल विरासत को सम्मानित किया। इस आयोजन में 133 प्रतिभागियों—शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक ने भाग लिया और थिरुवल्लुवर के अमर वचनों को स्वर प्रदान किया।
प्रतिभागियों ने प्रत्येक "अधिगारम" का पहला कुरल पढ़ा और उसकी जीवनदायिनी व्याख्या साझा की, जिससे मंच पर भाषा की सुंदरता और पीढ़ियों की समृद्ध सोच गूंज उठी।
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ह्यूस्टन विश्वविद्यालय की तमिल अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ. टी. विजयलक्ष्मी ने कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया और आज के युग में थिरुक्कुरल की प्रासंगिकता पर प्रेरणादायी वक्तव्य दिया।
KKSF की अध्यक्ष माला गोपाल ने फाउंडेशन के मिशन को दोहराते हुए कहा, "हम केवल थिरुक्कुरल का उत्सव नहीं मना रहे, बल्कि हर दिल में तमिल भावना को जागृत कर रहे हैं, चाहे वह युवा हो या बुजुर्ग।"
समापन वक्तव्य में माला गोपाल ने प्रतिभागियों, उनके परिवारों और KKSF की टीम को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा, "यह तो बस शुरुआत है। आपके निरंतर सहयोग से हम भविष्य में और भी अधिगारम और कुरलों को जीवंत रूप में प्रस्तुत करने के लिए तत्पर हैं।"
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