भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने इस साल के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण कानून (एनडीएए) में ईगल एक्ट (कानूनी रोजगार के लिए ग्रीन कार्ड तक समान पहुंच) को शामिल करने के अपने संशोधन को खारिज किए जाने पर निराशा जताई है।
सांसद रो खन्ना ने एक्स पर लिखा कि ईगल एक्ट एक द्विदलीय और कॉमन सेंस बिल है। नियम समिति द्वारा 350 संशोधन मंजर किए गए थे, लेकिन मेरे संशोधन को एनडीएए में जोड़ने के प्रस्ताव को रिपब्लिकन नेताओं ने बहुमत से रोक दिया।
ईगल एक्ट हाल ही में एक बार फिर से अमेरिकी कांग्रेस में चर्चा का विषय बन गया है। सीनेट और हाउस दोनों में फिर से पेश इस विधेयक का उद्देश्य रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड पर देशों की लिमिट को खत्म करना और परिवार आधारित ग्रीन कार्ड की सीमा को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना है।
कहा जा रहा है कि इस बिल के पास से ग्रीन कार्ड के बैकलॉग में कमी आएगी जिसकी वजह से भारत और चीन जैसे देशों के सैकड़ों हजारों प्रवासी अटके हुए हैं। अमेरिका इस वक्त सभी देशों को एकसमान वीजा आवंटित करता है। इसकी वजह से ज्यादा आबादी वाले भारत जैसे देशों के नागरिकों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। विधेयक में बच्चों को उम्र बढ़ने पर इमिग्रेशन स्टेटस बदलने से बचाने का भी प्रस्ताव है।
रो खन्ना द्वारा ईगल एक्ट की वकालत विधायी सुधारों के माध्यम से समानता एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उनके व्यापक प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि हमारे उद्योगों को मजबूत बनाए रखने और विरोधियों को पछाड़ने के लिए हमें अधिक कामगारों की आवश्यकता है। आप्रवासी इनकी कमी को पूरा करने में अहम भूमिका निभाते हैं और अपने कौशल से हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हैं।
उन्होंने ईगल एक्ट को लेकर उम्मीद जताते हुए कहा कि मैंने उन लोगों की कहानियां सुनी हैं, जो कहते हैं कि ये बिल उनके लिए कितना मददगार साबित होगा। मैं इस महत्वपूर्ण विधेयक का सपोर्ट करता रहूंगा और इसे कानून बनाने के तरीकों पर काम करूंगा।
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