अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के दो सदस्यों ने हिंद महासागर क्षेत्र के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने के लिए 14 मई को एक प्रस्ताव पेश किया है। कांग्रेस सदस्य डेरेल इस्सा और जोकिन कास्त्रो ने क्षेत्र में मिलिट्री, डिप्लोमैटिक और डेवलपमेंट इनिशिएटिव के लिए लंबे समय तक रणनीति के साथ काम करने के प्लान को अनिवार्य करने के लिए यह कानून पेश किया है।
कास्त्रो ने इस संबंध में एक बयान में कहा कि जैसा कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत-प्रशांत में साझेदारी को गहरा कर रहा है। ऐसे में हम हिंद महासागर क्षेत्र के महत्व को नजरअंदाज नहीं कर सकते। दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी का घर और तीन महाद्वीपों में फैला हिंद महासागर क्षेत्र आर्थिक विकास और इनोवेशन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
उन्होंने कहा कि मुझे हिंद महासागर सामरिक समीक्षा अधिनियम पेश करने की खुशी है, जो हिंद महासागर क्षेत्र और दुनिया के लिए एक मुक्त, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के निर्माण के लिए हमारे सहयोगियों और भागीदारों के साथ अमेरिकी कूटनीति, रक्षा और विकास समन्वय को व्यवस्थित करेगा।
हिंद महासागर क्षेत्र सामरिक समीक्षा अधिनियम अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग की सिफारिश पर आधारित है। यह अमेरिका-चीन संबंधों की समीक्षा और रिपोर्ट करने के लिए 2000 में स्थापित एक निकाय है। आयोग की 2022 की रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई थी कि अमेरिकी प्रशासन एक IOR स्ट्रेटजी पेश करे। इसमें क्षेत्र में अमेरिकी आर्थिक हितों को विकसित करने, नेविगेशन की स्वतंत्रता की रक्षा करने, क्षेत्रीय भागीदारों का समर्थन करने और जापान, ऑस्ट्रेलिया, भारत, यूके और फ्रांस के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की योजना शामिल होगी।
वहीं, 14 मई को कानून पेश करते हुए डेरेल इस्सा ने IOR स्ट्रेटजी में बताए गए लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करने के लिए 'चीन की आक्रामकता' का मुकाबला करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विनिंग स्ट्रेटजी स्थापित करने के बीच हिंद महासागर क्षेत्र में अमेरिका का संपर्क हमारे राष्ट्रीय हित के लिए अहम है। यह व्यापक वैश्विक व्यापार और तेजी से आर्थिक विकास के लिए एक अहम बिंदु है।
डेरेल इस्सा ने कहा कि हम हिंद महासागर क्षेत्र में अपने संबंधों को मजबूत करने और हमारी साझेदारी को मजबूत करने के लिए काम करते हैं। मैं हिंद महासागर रणनीतिक समीक्षा अधिनियम को आगे बढ़ाने और दुनिया के इस महत्वपूर्ण हिस्से और इसमें हमारे भविष्य पर आवश्यक ध्यान देने के लिए कास्त्रो के साथ हूं।
दिलचस्प बात यह है कि दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने वाशिंगटन में फरवरी 2024 की चर्चा के दौरान स्वीकार किया था कि हिंद महासागर क्षेत्र से संबंधित राजनयिक मामलों में अमेरिका एक 'बड़ी ताकत' था। लेकिन अब भारत इस क्षेत्र में एक बहुत बड़ी ताकत है। लू हाल ही में 10-15 मई की राजकीय यात्रा के दौरान भारत में थे। इसके अलावा उन्होंने श्रीलंका और बांग्लादेश की यात्रा भी की थी।
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