स्टारबक्स की कमान संभालने के बाद भारतीय-अमेरिकी मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मण नरसिम्हन इस सप्ताह पहली बार अपने घर भारत आये। भारत में दो शहरों की 'घर वापसी' विशेष रूप से व्यक्तिगत थी। इसलिए क्योंकि नरसिम्हन का पालन-पोषण पुणे में हुआ और विदेश जाने से पहले उन्होंने कई साल मुंबई में काम किया।
भारत स्थित टाटा स्टारबक्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी में स्टारबक्स वर्तमान में देश भर के 54 शहरों में 390 स्टोर संचालित करता है। इन स्टोर्स में वह लगभग 4,300 भागीदारों (कर्मचारियों) को रोजगार देता है। स्टारबक्स की 2028 तक 1000 स्टोर खोलने की योजना है। यानी हर तीन दिन में एक स्टोर।
इसी बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाते हुए नरसिम्हन ने अगले चार वर्षों में पूरे भारत में 1,000 अतिरिक्त स्टोर खोलने की घोषणा की। उन्होंने नए ग्राहकों तक, चाहे वे कहीं भी हों, नए तरीकों से पहुंचने की स्टारबक्स की महत्वाकांक्षाओं पर भी मुहर लगाई। भविष्य के स्टोर्स समावेशन और विविधता का मॉडल होंगे और साथ ही तीसरे स्थान के अनुभवों पर भी जोर देंगे जो कॉफी की चुस्कियों के साथ सार्थक मानवीय संबंधों को बढ़ावा देने वाले भी होंगे।
मुंबई में नरसिम्हन दर्जनों स्टोर पार्टनर्स के साथ जुड़े और इस साल की स्टारबक्स कॉफी चैंपियनशिप के विजेताओं की घोषणा करने में मदद की। माधव नाम के एक युवा बरिस्ता ने ट्रॉफी अपने नाम की।
एक पार्टनर ओपन फोरम के दौरान नरसिम्हन ने भारत में बड़े होने और क्रिकेट के खेल को पसंद करने वाले एक जिज्ञासु बच्चे से लेकर दशकों बाद स्टारबक्स में एक बरिस्ता के रूप में अपनी विनम्र शुरुआत तक की यात्रा की यादें साझा कीं।
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