ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर के बाहर हुई हिंसा की कनाडा के प्रधानमंत्री समेत सभी दलों के नेताओं ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर निंदा की है। इनमें प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और विपक्षी कंजर्वेटिव नेता पियरे पोइलीवरे भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि हिंदू मंदिर में तिरंगा लिए कुछ लोगों से खालिस्तान की झंडा लेकर भारत विरोधी नारे लगा रहे लोगों ने मारपीट की थी। पुलिस ने कहा है कि वह मामले की जांच कर रही है और हिंसा के पीछे जो लोग शामिल हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ट्रूडो, विपक्षी नेता पोइलीवरे के अलावा हाउस ऑफ कॉमन्स में चौथी सबसे बड़ी पार्टी एनडीपी के नेता जगमीत सिंह, ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड और ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन आदि नेताओं ने हिंसा करने वालों की निंदा की है। उन्होंने तेजी से कार्रवाई करके स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए पील पुलिस की कार्रवाई की सराहना भी की।
जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हिंसा की घटना अस्वीकार्य है। प्रत्येक कनाडाई नागरिक को स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। समुदाय की रक्षा करने और इस घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए पील पुलिस का धन्यवाद।
पियरे पोइलीवरे ने एक्स पर कहा कि ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में लोगों को निशाना बनाकर की गई हिंसा स्वीकार्य नहीं है। सभी कनाडाई नागरिकों को अपनी आस्था के अनुरूप कार्य करने के लिए आजादी मिलनी चाहिए। हम इस हिंसा की स्पष्ट निंदा करते हैं और मैं अपने लोगों को एकजुट करके अराजकता को समाप्त करने की दिशा में कार्य करूंगा।
जगमीत सिंह ने एक्स पर कहा कि हर कनाडाई नागरिक को शांति से अपने पूजा स्थल पर जाने की आजादी मिलनी चाहिए। मैं हिंदू सभा मंदिर में हिंसक वारदात की स्पष्ट निंदा करता हूं। हिंसा कहीं भी हो, वह गलत है। मैं में समुदाय के नेताओं के साथ मिलकर शांति का आह्वान करता हूं।
ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड ने कहा कि ब्रैम्पटन के मंदिर में हिंसा पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। किसी को भी अपने पूजा स्थल पर असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए। पील पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया और समुदायों को सुरक्षित रखने में मदद के लिए धन्यवाद।
ब्रैम्पटन के मेयर एक्स पर लिखा कि हिंदू सभा के बाहर हिंसा की घटना से निराश हूं। धार्मिक स्वतंत्रता कनाडा का एक मूलभूत मूल्य है। मैं पूजा स्थल के बाहर हिंसा के किसी भी हरकत की कड़ी निंदा करता हूं। मुझे विश्वास है कि पील पुलिस हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करेगी। दोषियों को अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।
बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में खालिस्तान का झंडा थामे कई प्रदर्शनकारियों को हिंदू सभा मंदिर के अंदर मौजूद लोगों से भिड़ते देखा जा सकता है। भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा पकड़े कुछ लोग मंदिर परिसर के अंदर से आते हैं और प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करते हैं। इस पर हाथापाई होने लगती है और लोग डंडों से एक-दूसरे को मारते दिख रहे हैं।
घटना के बाद कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग ने जारी बयान में कनाडा सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है। बयान में भारतीय उच्चायोग ने कनाडा की सरकार से चरमपंथी खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
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