मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर अरुणा मिलर ने युवाओं में बढ़ती नशे की लत के प्रभाव को उजागर करने और इससे निपटने के उपायों पर हाल ही में दो प्रमुख कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस मुहिम में उन्हें स्पेशल सेक्रेटरी एमिली केलर और व्हाइट हाउस के नेशनल ड्रग कंट्रोल पॉलिसी के निदेशक डॉ राहुल गुप्ता का साथ मिला।
ले. गवर्नर मिलर ने एमिली केलर और डॉ राहुल गुप्ता के साथ जॉन एफ कैनेडी हाई स्कूल का दौरा किया और स्कूल असेंबली के दौरान नशीली दवाओं के खतरों और जीवन पर दुष्प्रभावों को उजागर किया। मिलर ने करीब 400-500 स्टूडेंट्स को संबोधित किया। डॉ गुप्ता ने जीवनरक्षक नालोक्सोन टूल के बारे में छात्रों को जानकारी दी। उन्होंने कैंपस में वेलनेस सेंटर का दौरा करके छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य एवं नशीले पदार्थों की समस्या से निपटने के इंतजामों की भी जानकारी ली।
इसके अगले दिन लेफ्टिनेंट गवर्नर मिलर विशेष सचिव केलर और स्थानीय नेताओं के साथ बाल्टीमोर में मोबिलाइज रिकवरी डे पर कार्यक्रम में शामिल हुईं। ये कार्यक्रम पूरे अमेरिका में बस के जरिए जागरुकता फैला रहे मोबिलाइज रिकवरी एक्रॉस अमेरिका टूर के बाल्टीमोर आने के उपलक्ष्य में रखा गया था।
लेफ्टिनेंट गवर्नर अरुणा मिलर ने कहा कि नशीले पदार्थों के उपयोग और ओवरडोज के बारे में अपनी कहानियों को साझा करना जरूरी है। हमें जीवन बचाने के उपायों के बारे में लोगो में जागरुकता लानी होगी। इसमें समुदाय की सहायता बेहद आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि मूर-मिलर प्रशासन नशे की लत का कलंक मिटाने के लिए स्थानीय समुदायों के साथ साझेदारी करने को प्रतिबद्ध है। इसके जरिए हम ऐसा सिस्टम बना सकते हैं, जहां हर मैरीलैंड वासी को यह जानकारी मिले कि वह किस तरह दूसरों की जिंदगी बचाने में योगदान दे सकते हैं। किस तरह उनके लिए जरूरी संसाधनों का इंतजाम किया जा सकता है।
व्हाइट हाउस के ड्रग पॉलिसी डायरेक्टर डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि बाइडन-हैरिस प्रशासन इस लत से निपटने में देश के युवाओं का सपोर्ट करने और उनकी भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। हम मैरीलैंड और पूरे देश में स्कूलों और समुदायों को नशीले पदार्थों के उपयोग और घातक ओवरडोज से बचाने के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करते रहेंगे।
स्पेशल सेक्रेटरी केलर ने कहा कि स्कूलों में जागरूकता बढ़ाने के इस तरह के आयोजन काफी महत्वपूर्ण हैं। हमें छात्रों से उन जोखिमों के बारे में खुली और ईमानदार बातचीत करनी होगी जिसका वे जिंदगी में सामना कर सकते हैं। हमें आपात स्थिति में प्रतिक्रिया देने के लिए छात्रों को सशक्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नालोक्सोन के बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है क्योंकि मदद के लिए कॉल करने पर कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।
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