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चीन में भारतीय यात्री एयरपोर्ट पर इसलिए हैरान रह गया, सोशल मीडिया पर वायरल

शांतनु गोयल उस वक्त हैरान रह गए, जब चीन में लैंड करने के बाद एयरपोर्ट की मशीनें उनसे हिंदी में बात करने लगीं। उन्होंने सोशल साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर अपना यह अनुभव शेयर किया है, जिस पर लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।

चीन में एयरपोर्ट पर कदम रखते ही वहां की मशीनें हिंदी में बात करने लगीं। / @shantanugoel

भारत का एक शख्स जब चीन गया तो एयरपोर्ट पर कदम रखते ही वहां की मशीनें उनसे हिंदी में बात करने लगीं। भारतीय यात्री यह जानकर हैरान रह गए कि उसके भारतीय पासपोर्ट का पता लगाने के बाद हवाई अड्डे की मशीनें हिंदी में बात कर रही थीं। उन्होंने एक्स पर अपना अनुभव साझा किया, तो लोगों की कई तरह की प्रतिक्रिया सामने आने लगीं। कुछ यह जानने के लिए उत्सुक थे कि क्या मशीन अन्य भाषाओं में भी संवाद कर सकती है। कई यूजर्स ने चीन, सिंगापुर और बैंकॉक का दौरा करते समय अपने अनुभव साझा किए।

चीन पहुंचे शांतनु गोयल ने एक्स पर दो तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि ये मशीनें मेरे भारतीय पासपोर्ट का पता लगाने पर हिंदी में बोलती हैं। पहली तस्वीर में फॉरेनर फिंगरप्रिंट सेल्फ-कलेक्शन एरिया दिखाया गया है, जिसमें लोगों के इस्तेमाल के लिए कई मशीनें लगाई गई हैं। अगली तस्वीर हिंदी और Mandarin दोनों में फिंगरप्रिंट कलेक्शन के निर्देशों को दिखाती हैं।

14 जनवरी को शेयर किए जाने के बाद से इस ट्वीट को 7.1 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। इसके अलावा इसे 4,000 से अधिक लाइक और कई रीट्वीट मिले हैं। कुछ लोग अपने विचार साझा करने के लिए ट्वीट पर कमेंट भी कर रहे हैं। शांतनु को मशीन के इंटरफेस में कोई भी लैंग्वेज चुनने का ऑप्शन नहीं मिला था। उनके मुताबिक, मशीन ने भारत के लिए हिंदी को डिफॉल्ट लैंग्वेज के तौर पर इस्तेमाल किया था।

यही सवाल एक यूजर्स ने पूछा कि केवल हिंदी या इसमें अन्य भाषाएं भी हैं? इस पर गोयल ने जवाब दिया कि मैं देश की भाषा का इस्तेमाल कर रहा हूं। भारत के लिए यह हिंदी में है। सुनिश्चित नहीं है कि अन्य भाषाएं एक विकल्प थीं, इंटरफेस में कोई विकल्प नहीं देखा। गोयल ने बताया कि उन्होंने मशीनों को फ्रेंच, स्पैनिश और जर्मन लैंग्वेज में भी बातचीत करते हुए सुना है।

एक अन्य यूजर्स ने अपने अनुभव शेयर करते हुए लिखा कि सिंगापुर और बैंकॉक में भी ऐसा ही है। राष्ट्रीयता से पहचाना जाना और इस तरह से बधाई देना जादुई है। एक अन्य यूजर ने कहा कि 2019 में चीन में था, उनके पास तब भी यह था। मशीन में सेंसर लगा होता है, जो पासपोर्ट स्कैन कर उस देश की पहचान करने के बाद वहां की लैंग्वेज को डिस्प्ले करने लगती है।

एक यूजर ने अपने कमेंट में लिखा कि मैं 2019 के आसपास भी आश्चर्यचकित था जब मैंने पहली बार गुआंगजो हवाई अड्डे पर इसे देखा था। मेरे दिमाग में सबसे तात्कालिक सवाल यह आया कि अगर कोई तमिल अपना पासपोर्ट रख दे और उसे हिंदी समझ ही न आए तो क्या होगा? एक यूजर ने लिखा कि विदेशी पर्यटकों को लुभाने और बिजनेस करने वालों को अपने यहां आकर्षित करने का ये तरीका अच्छा है।

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