उत्तर भारत की तीर्थनगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बृहस्पतिवार को 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगम में पवित्र स्नान किया। अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, त्रिनिदाद और टोबैगो तथा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रतिनिधि शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल भारत सरकार के बुलावे पर महाकुंभ पहुंचा।
प्रतिनिधिमंडल को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (MEA) के बाह्य प्रचार एवं लोक कूटनीति प्रभाग द्वारा आमंत्रित किया गया है। प्रतिनिधिमंडल के ठहरने की व्यवस्था उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा विकसित अरैल में टेंट सिटी में की गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार सुबह 8 बजे त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया। इसके बाद हेलिकॉप्टर के जरिए महाकुंभ क्षेत्र का हवाई भ्रमण विदेशी मेहमानों को कराया गया।
बदल गई पहचान
महाकुंभ में विदेश से आए कई श्रद्धालुओं ने शिक्षा-दीक्षा लेकर अपनी पहचान बदल ली है। मिसाल के तौर पर थाईलैंड के चूललोंगकोर्न विश्वविद्यालय के शोध छात्र बवासा आवाहन नगर में महेशानंद बन गए हैं।
इसी तरह मास्को से आईं वोल्गा यहां महाकुंभ में आईं और माता गंगा बनकर विहार कर रही हैं। वोल्गा ने सिद्ध पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी आत्मानंद पुरी से दीक्षा ले ली है। बाबाओं की दुनिया को नजदीक से देखकर वे अभिभूत हो गई हैं।
एपल के को फाउंडर और अरबपति कारोबारी स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने अपने गुरु आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ली। लॉरेन पॉवेल को महाकाली के बीज मंत्र की दीक्षा दी गई है।
वहीं, मॉरीशस से महाकुंभ पहुंचे एक कंटेंट क्रिएटर भारतीय अवधारणा 'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना से ओत-प्रोत नजर आए। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को देखकर ऐसा महसूस होता है कि जैसे हम एक वैश्विक परिवार से हैं।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login