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महिंद्रा ग्रुप ने जॉनसन कंट्रोल्स के साथ भारत में नेट जीरो बिल्डिंग इनिशिएटिव लॉन्च किया

महिंद्रा और जॉनसन कंट्रोल्‍स ने हाथ मिलाया है। दोनों कंपनियों ने भारत की कमर्शियल, शहरी आवासीय और सार्वजनिक इमारतों को डिकार्बोनाइ करने के लिए Net Zero Buildings Initiative शुरू की है। भारत के आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस पहल का स्वागत किया है।

जॉनसन-महिंद्रा साझेदारी में Net Zero Buildings Initiative की शुरुआत की गई है। / Anand Parthasarathy

भारत की अग्रणी महिंद्रा ग्रुप ने भारत के कमर्शियल, शहरी आवासीय और सार्वजनिक भवनों को डेकार्बोनाइज करने में मदद करने के लिए कॉर्क (आयरलैंड) स्थित अमेरिकी कंपनी और टिकाऊ इमारतों में अग्रणी जॉनसन कंट्रोल्स से हाथ मिलाया है। भारत के आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जॉनसन-महिंद्रा साझेदारी में Net Zero Buildings Initiative की तारीफ करते हुए इसे अहम बताया है।

संयुक्त रूप से यह पहल इस महीने से नेट जीरो बिल्डिंग बनाने की प्रक्रिया शुरू करने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी और संसाधन मुहैया कराएगी। इसमें एक कॉस्ट फ्री, ऑल-इन-वन टूलकिट और प्रशिक्षण शामिल है जो भवन और फैसिलिटी ओनर को टिकाऊ इमारतों की सर्वोत्तम तकनीक के बारे में जानने में मदद करेगा।

दरअसल, सस्टेनेबिलिटी एक ऐसा मिशन है जिसमें आज सभी भागीदार बनना चाहते हैं। इनमें खास तौर पर ऐसे साधनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना जिसमें कार्बन एमिशन को कम किया जा सके, प्रमुख रूप से शामिल है। इसी कड़ी में महिंद्रा और जॉनसन कंट्रोल्स ने हाथ मिलाया है। दोनों कंपनियों ने भारत की कमर्शियल, शहरी आवासीय और सार्वजनिक इमारतों को डिकार्बोनाइ करने के लिए Net Zero Buildings Initiative शुरू की है।

महिंद्रा एंड जॉनसन कंट्रोल्स भारत की केंद्र और राज्य सरकारों, थिंक-टैंक और उद्योग संघों के साथ मिलकर काम करेगा, जो क्लाइमेट प्रोग्रेस रिपोर्टिंग, रणनीतियों और रूपरेखाओं को तैयार करने में सहायता के लिए डेटा तैयार करने पर अधिक स्पष्टता प्रदान करेगा।

इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के अनुसार, भारत की अनुमानित 2040 इमारतों में से 75 प्रतिशत का निर्माण किया जाना बाकी है। एनर्जी एफिशिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने से पारंपरिक इमारतों की तुलना में बिजली की खपत में 40-60% की कमी आ सकती है। देश में 20 प्रतिशत उत्सर्जन और 30 प्रतिशत से अधिक ऊर्जा खपत के लिए इस क्षेत्र का योगदान होने के कारण, स्मार्ट और टिकाऊ इमारतों में परिवर्तन दरअसल पर्यावरण और आर्थिक लिहाज से जरूरत बनता जा रहा है।

इंडिया एनर्जी आउटलुक 2021 के अनुसार, इमारतों से ऊर्जा कैपेसिटी में 30% सुधार भी संभावित रूप से 2030 तक लगभग 250 TWh बिजली बचा सकता है, जिससे महत्वपूर्ण बिजली ऊर्जा की बचत हो सकती है। इसे आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए ग्रिड को वापस दिया जा सकता है।

जॉनसन कंट्रोल्स के चेयरमैन और सीईओ जॉर्ज ओलिवर ने कहा कि भारत भवन निर्माण क्रांति के शिखर पर है। अब भारत की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए ऐसी ग्रीन इमारतों के लाभों को साकार करने का समय आ गया है। ऐसे में हमारी दो कंपनियों का एक साथ जुड़ना स्वाभाविक है। इस तरह हम स्मार्ट बिल्डिंग टेक्नोलॉजी में जॉनसन कंट्रोल्स के नेतृत्व और अनेक उद्योगों में महिंद्रा की विशेषज्ञता और पहुंच का लाभ उठा सकते हैं। हमारा मानना है कि यह साझेदारी भारत और उसके बाहर भी आगे बढ़ने की दिशा में प्रेरित करेगी।

महिंद्रा ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा कि हम पॉजिटिव संगठन के रूप में काम करने में विश्वास करते हैं। समूह ने हमारे ऑपरेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर को डेकार्बोनाइज करने के लिए कई पहल की है। जिससे फाइनेंशियल और पर्यावरण के रूप में परिणाम सामने आए हैं। समूह के सार्वजनिक मामलों के अधिकारी और समूह कार्यकारी बोर्ड के सदस्य अबंती शंकरनारायणन ने कहा कि हम एक स्थायी भविष्य में तेजी लाने में सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हैं और इसलिए जॉनसन कंट्रोल्स के साथ हाथ मिलाया है।

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