अमेरिका के इमिग्रेशन लैंडस्केप में लगातार सुधार हो रहे है। ये लोगों को अमेरिका में रहने, काम करने और निवेश करने के नए अवसर प्रदान करते हैं। कुशल श्रमिकों से लेकर उद्यमियों और निवेशकों तक, कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं। वर्ष 2024 में इमिग्रेशन को लेकर कई नए बदलाव देखने को मिले हैं। कुछ प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं-
एच-1बी वीजा लॉटरी:
•पंजीकरण अवधि: वित्त वर्ष 2025 की एच-1बी लॉटरी के लिए शुरुआती पंजीकरण अवधि 6 मार्च 2024 से 25 मार्च 2024 थी। दूसरी लॉटरी की घोषणा अगस्त 2024 में हुई।
•पंजीकरण: USCIS को वित्तीय वर्ष 2025 के एच-1बी वीजा कैप सीजन के लिए 470,342 पंजीकरण प्राप्त हुए।
•चयन : USCIS ने 120,603 आवेदनों को प्रारंभिक सिलेक्शन के लिए चुना था, जिसमें से 114,018 लाभार्थियों का चयन किया गया है।
•पसरीचा एंड पटेल एलएलसी का विचारः एच-1बी प्रोग्राम बहुत से आप्रवासियों के लिए अमेरिका में काम करने का एक महत्वपूर्ण रास्ता है। रैंडम सलेक्शन प्रक्रिया का मतलब है कि कई लोगों को अमेरिका आने का मौका नहीं मिल सकेगा, कम से कम उनकी पहली कोशिश में तो नहीं।
EB-5 इमिग्रेंट इन्वेस्टर प्रोग्राम:
•निवेश राशि: जनरल ईबी-5 प्रोजेक्टों के लिए न्यूनतम निवेश राशि बढ़ाकर 1,050,000 डॉलर कर दी गई है, वहीं टारगेटेड एंप्लॉयमेंट एरिया (टीईए) के लिए न्यूनतम निवेश राशि 800,000 डॉलर है।
•वीज़ा बुलेटिन: वीज़ा बुलेटिन ज्यादातर EB-5 आवेदकों के लिए एडजस्टमेंट ऑफ स्टेटस (AOS) है, जो कि EB-5 को एक अनुकूल श्रेणी बनाता है।
•क्षेत्रीय केंद्र कार्यक्रम: रीजनल सेंटर प्रोग्राम ईबी -5 निवेश के लिए एक लोकप्रिय मार्ग है। हालांकि इन केंद्रों का भविष्य अनिश्चित है क्योंकि कांग्रेस इस प्रोग्राम में सुधारों पर विचार कर रही है।
•पसरीचा और पटेल एलएलसी का विचार: भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे रीजनल सेंटर या ऐसे डायरेक्ट प्रोजेक्ट में निवेश करें जो योग्य ग्रामीण क्षेत्रों, उच्च बेरोजगारी वाले क्षेत्रों में हों या फिर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में रकम लगाएं। ऐसा इसलिए कि ये श्रेणियां 2024 में स्टेटस एडजस्टमेंट के लिए महत्वपूर्ण बनी हुई हैं।
अंतर्राष्ट्रीय उद्यमी नियम:
•अंतर्राष्ट्रीय उद्यमी नियम (IER) के अनुसार, पैरोल के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए उद्यमियों को विशिष्ट तरीके से निवेश करने और राजस्व सीमा को पूरा करने की जरूरत होती है। 2024 में इन सीमाओं को बढ़ाकर इस तरह कर दिया गया है:
•प्रारंभिक आवेदन: उद्यमियों को अपने स्टार्टअप की क्षमता प्रदर्शित करने के लिए कम से कम 311,071.00 डॉलर का क्वालिफाइड इन्वेस्टमेंट और 124,429.00 डॉलर का योग्य सरकारी अवॉर्ड में निवेश दिखाना होगा। यदि इस सीमा को आंशिक रूप से पूरा किया जाता है तो ऐसे वैकल्पिक विश्वसनीय सबूत दिखाने होंगे जो स्टार्टअप की
पर्याप्त तरक्की और नौकरी प्रदान करने की क्षमताओं को प्रदर्शित करें।
•अधिकृत प्रवास की दूसरी अवधि: स्टार्ट-अप के एक्सटेंशन पर विचार के लिए या तो उसे 622,142.00 $ का वार्षिक राजस्व प्राप्त करना होगा या फिर अनुदान, कम से कम पांच नौकरियों में 622,142.00 $ का निवेश दिखाना होगा।
•योग्य निवेशक: योग्य निवेशक की मान्यता प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति या संगठन को पिछले पांच वर्षों में स्टार्टअप्स में कम से कम 746,571.00 $ का निवेश करना होगा। इनमें से कम से कम दो स्टार्टअप ने पांच नौकरियां पैदा की हों या न्यूनतम 622,142 $ का राजस्व दिया हो।
•पसरीचा और पटेल एलएलसी का विचार: ये बढ़ी हुई सीमाएं बदलते आर्थिक परिदृश्य को दर्शाती हैं। इनका उद्देश्य अमेरिका के अंदर उद्यमिता को बढ़ावा देने में आईईआर की प्रभावशीलता को बनाए रखना है।
कॉलेज ग्रेजुएट्स के लिए रोजगार आधारित गैर-आप्रवासी वीजा आवेदन प्रक्रिया:
•बाइडन-हैरिस प्रशासन ने जॉब ऑफर वाले अमेरिकी कॉलेजों के स्नातकों के लिए रोजगार आधारित गैर आप्रवासी वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की घोषणा की है। इस नीति में किए गए अपडेट इस प्रकार हैं:
•वीज़ा आवेदन प्रक्रिया से जुड़ाव को आसान बनाना।
•अमेरिकी कॉलेज और विश्वविद्यालयों के स्नातकों को प्राथमिकता देना।
•ऐसे लोगों के लिए वीजा छूट प्रक्रिया को स्पष्ट करना, जिनका आवेदन पहले अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से रहने के कारण अस्वीकार्य हो सकता है।
•पसरीचा और पटेल एलएलसी का विचार: गैर-आप्रवासी वीजा प्रक्रिया के संभावित सरलीकरण से हम उम्मीद है कि अमेरिकी कॉलेज के स्नातकों को जॉब ऑफर के साथ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
प्रीमियम प्रोसेसिंग:
•प्रीमियम प्रोसेसिंग का उद्देश्य कुछ अतिरिक्त रकम देकर इमिग्रेशन आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई को सुलभ बनाना है। प्रीमियम प्रोसेसिंग ऐसे लोगों और बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण है जो इन श्रेणियों में लोगों को लिए तुरंत कार्यवाही चाहते हैं:
•F-1 स्टूडेंट स्टेटस में बदलाव।
•एच-4 आश्रित उम्र बढ़ने पर एफ-1 स्टेटस में जाना।
•यात्रा पर आए B-2 ट्रैवलर्स को F-1 स्टूडेंट स्टेटस में बदलना।
•रोजगार आधारित याचिका पर त्वरित कार्यवाही की मांग करने वाले नियोक्ता।
•पसरीचा और पटेल एलएलसी का विचार: प्रीमियम प्रोसेसिंग एक महत्वपूर्ण तरीका है जिसका उपयोग कुछ आव्रजन मामलों को तेजी से निपटाने के लिए किया जाता है।
इस साल इमिग्रेशन कानून में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। कई कानूनों में अपडेट और बदलाव पर विचार भी हो रहा है। इसके बावजूद स्किल्ड वर्कर्स, निवेशकों और उद्यमियों के लिए प्रचुर मात्रा में अवसर उपलब्ध हैं। आव्रजन कानूनों में इन बदलावों से अपडेट रहना जरूरी है ताकि अमेरिका की आव्रजन प्रणाली की बारीकियों को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
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