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अमेरिका आने का अरमान लेकर निकले सैकड़ों भारतीय-नेपाली प्रवासी ब्राजील में फंसे

ये खबर ऐसे समय आई है, जब ब्राजील में विदेशी प्रवासियों के लिए नया नियम लागू होने जा रहा है। इसके तहत एशिया से अमेरिका जाने वाले जिन विदेशियों के पास ब्राजीली वीजा नहीं होगा, उन्हें सीधे अपने गंतव्य की यात्रा करनी होगी।

अधिकारियों के मुताबिक, कम से कम 666 प्रवासी बिना वीजा के ब्राजील में प्रवेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। / सांकेतिक तस्वीर : unsplashed

भारत, नेपाल और वियतनाम से ब्राजील के रास्ते अमेरिका पहुंचने का अरमान लिए सैकड़ों प्रवासी हफ्तों से साओ पाउलो में फंसे हुए हैं। ब्राजील में एंट्री के इंतजार में ये सभी लोग साओ पाउलो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खतरनाक हालात में रहने को मजबूर हैं। इनमें बहुत से बच्चे और किशोर भी हैं।

यह खबर ऐसे समय आई है, जब ब्राजील में विदेशी प्रवासियों के लिए सोमवार से नया नियम लागू होने जा रहा है। ब्राजील के पब्लिक सिक्योरिटी मंत्रालय के अनुसार, इस नियम के तहत ऐसे विदेशी यात्री जिनके पास ब्राजील का वीजा नहीं होगा, उन्हें सीधे अपने गंतव्य की यात्रा करनी होगी या अपने देश लौटना होगा।

मंत्रालय ने बयान में कहा कि पिछले कुछ समय में ब्राजील में ऐसे विदेशी यात्री खासकर एशियाई लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है जो एशिया से उत्तरी अमेरिका जाने के रास्ते में ब्राजील का इस्तेमाल स्टॉपओवर के लिए करते हैं। अब बिना ब्राजीली वीजा के साओ पाउलो आने वाले ऐसे लोगों को ब्राजील में नहीं घुसने दिया जाएगा। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि ये नए नियम साओ पाउलो हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद प्रवासियों पर लागू होंगे या नहीं।

पब्लिक डिफेंडर ऑफिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि घाना के एक 39 वर्षीय प्रवासी की दो सप्ताह पहले अज्ञात कारणों से मृत्यु हो गई थी। अभी यह साफ नहीं है कि हवाईअड्डे पर भर्ती रहने के दौरान उनकी मौत हुई या अस्पताल ले जाते समय उन्होंने दम तोड़ा।

अधिकारियों ने बताया कि बिना वीजा के कम से कम 666 प्रवासी ब्राजील के ग्वारुलहोस हवाई अड्डे से प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र में रखा गया है जहां उनके नहाने तक के लिए सुविधा नहीं है। उनकी आवाजाही भी सीमित कर दी गई है जिससे उन्हें भोजन और पानी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो रहा है। बच्चों और किशोरों को सर्दी से बचाने के लिए कंबल तक नहीं हैं।

पब्लिक डिफेंडर कार्यालय को पता चला है कि इन सभी प्रवासियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। उनकी सेहत भी बिगड़ती जा रही है। इनकी हालात में तत्काल सुधार की आवश्यकता है। एजेंसी ने अधिकारियों से कहा कि जब तक इनके स्टेटस का फैसला नहीं हो जाता, तब तक ब्राजील के मानवीय कानून के आधार पर इन्हें शरण दी जाए और उनके मूल देश वापस न भेजा जाए। 

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