अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी कॉलेज पार्क (UMCP) के प्रोफेसर उत्पल पाल को साल 2025 के MPower प्रोफेसर के रूप में सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित उपाधि उन्हें टिक जनित बीमारियों पर शोध और अनुसंधान में योगदान के लिए प्रदान की गई है।
प्रोफेसर पाल कृषि एवं प्राकृतिक संसाधन कॉलेज के वेटरनरी मेडिसिन विभाग में कार्यरत हैं। उन्हें यह सम्मान मैरीलैंड विश्वविद्यालय स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप: एमपॉवरिंग द स्टेट (MPower) पहल के तहत दिया गया है जो UMCP और यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, बाल्टीमोर (UMB) के बीच रिसर्च सहयोग को बढ़ावा देता है।
उत्पल पाल समेत सात प्रोफेसरों को यह उपाधि दी गई है। इसके तहत तीन वर्षों में डेढ लाख डॉलर की राशि दी जाएगी। इसका उपयोग वे अपने वेतन या अनुसंधान गतिविधियों में कर सकेंगे। प्रोफेसर पाल लाईम डिज़ीज़ और अन्य टिक जनित इन्फेक्शन पर काम कर रहे हैं। उनका शोध मोलेक्युलर और सेलुलर बायोलॉजी के इस्तेमाल से बीमारियों की समझ बेहतर बनाने और वैक्सीन तैयार करने पर केंद्रित है।
UMCP के प्रेसिडेंट डैरिल जे. पाइन्स ने प्रोफेसर पाल और अन्य चयनित वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि मैं एमपावर ग्रुप से काफी प्रेरित हूं जो समाज के जटिलतम मुद्दों को हल करने के लिए समर्पित है तथा बहु विषयक तथा बहु संस्थागत सहयोग को आगे बढ़ा रहे हैं।
प्रोफेसर पाल अब तक 100 से अधिक शोध पत्र और बुक चैप्टर प्रकाशित कर चुके हैं। उनके कार्य को अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग तथा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ से मान्यता मिल चुकी है। वे फार्मास्युटिकल कंपनी मर्क एंड कंपनी के साथ मिलकर एंटी टिक वैक्सीन बनाने पर भी काम कर रहे हैं।
प्रोफेसर उत्पल पाल ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से जूलॉजी में पीएचडी और एमएस किया है। इसके बाद येल यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन से पोस्ट डॉक्टरल ट्रेनिंग भी हासिल की है।
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