मैरीलैंड यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर सिद्धार्थ दास को पायनियरिंग इन्वेस्टिगेटर नामित किया गया है। यह सम्मान केमिस्ट्री एंड केमिकल साइंस के अग्रणी जर्नल 'केमिकल कम्युनिकेशंस' द्वारा प्रदान किया गया है। इस जर्नल को इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स और रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
पॉलिमर और पॉलीइलेक्ट्रोलाइट ब्रश के मॉलिक्यूलर डायनामिक्स सिमुलेशन पर सिद्दार्थ दास के कार्यों को जर्नल के विशेषांक में जगह दी गई है। इस लेख को उन्होंने राशिक इशराक के साथ मिलकर लिखा है। जर्नल के इस विशेषांक में अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने वाले शोधकर्ताओं को फीचर किया गया है।
सिद्धार्थ का लेख पॉलिमर या पॉलीइलेक्ट्रोलाइट्स की टूथब्रश जैसी चेन के गुणों पर केंद्रित है जो सतहों को फंक्शनलाइज कर सकते हैं। ये ब्रश आकार में कुछ नैनोमीटर से लेकर कई माइक्रोमीटर तक हो सकते हैं। इनका डायग्नोस्टिक्स, सेंसिंग, करंट रेक्टिफिकेशन, सर्फेस मॉडिफिकेशन, ड्रग डिलीवरी और ऑयल रिकवरी सहित व्यापक क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है।
सिद्धार्थ दास और उनकी टीम ने ऑल-एटम मॉलिक्यूलर डायनामिक्स सिमुलेशन का उपयोग करके ऐसे व्यवहारों और गुणों का अध्ययन किया है, जिन्हें प्रयोगशाला के प्रयोगों में देखना मुश्किल होता है। दास का कहना है कि हमें पूरा विश्वास है कि यह रिसर्च वास्तविक दुनिया में रोमांचक एप्लीकेशन का रास्ता खोल देगी।
दास के अब तक एसीएस नैनो, एडवांस्ड मैटेरियल्स, नेचर कम्युनिकेशंस और सॉफ्ट मैटर जैसे प्रमुख पब्लिकेशंस में 193 से अधिक जर्नल लेख प्रकाशित हो चुके हैं। उनका कार्य नैनो मटीरियल्स की समझ को आगे बढ़ाने पर फोकस के साथ कई विषयों तक फैला है।
दास इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स और रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री के फेलो भी हैं। यही संस्था केमिकल कम्युनिकेशंस का प्रकाशन करती है। जुलाई 2022 में उन्हें यूके स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी (IET) का फेलो चुना गया था।
दास ने 2010 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है। इससे पहले वह 2005 में आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक (ऑनर्स) की डिग्री भी ले चुके हैं।
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