धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग USCIRF ने भारत समेत 17 देशों को विशेष चिंता वाले (CPC) देशों की सूची में शामिल करके अमेरिकी विदेश मंत्रालय से इनके खिलाफ कदम उठाने की एक बार फिर से सिफारिश की है। प्रतिक्रिया में भारत सरकार ने USCIRF को पक्षपाती संगठन करार देते हुए उसकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
भारत ने USCIRF की इस रिपोर्ट को भारत में चल रहा आम चुनावों में हस्तक्षेप का प्रयास भी बताया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि USCIRF को राजनीतिक एजेंडे वाले पक्षपाती संगठन के रूप में जाना जाता है। वे अपनी सालाना रिपोर्ट के जरिए पहले से भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करते रहे हैं।
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— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) May 2, 2024
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उन्होंने आगे कहा कि हमें वाकई कोई उम्मीद नहीं है कि यूएससीआईआरएफ भारत के विविध, बहुलवादी और लोकतांत्रिक लोकाचार को समझने की कोशिश करेगा। दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी कवायद में हस्तक्षेप करने के उनके प्रयास कभी कामयाब नहीं होंगे।
बता दें कि USCIRF ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 2023 में धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन की खबरों और आयोग की सिफारिशों के बावजूद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने उसे सीपीसी यानी विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित नहीं किया था।
भारत को लेकर रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि पिछले साल भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति काफी खराब रही और सरकार ने भेदभावपूर्ण राष्ट्रवादी नीतियों को सख्ती से लागू किया। इतना ही नहीं, सरकार मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, यहूदियों और आदिवासियों के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा रोकने में भी नाकाम रही।
आयोग ने विदेश मंत्रालय को सुझाव दिया है कि भारत के अलावा अफगानिस्तान, अजरबैजान, नाइजीरिया और वियतनाम को भी सीपीसी में नामित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, 10 अन्य देशों को विदेश मंत्रालय की स्पेशल वॉच लिस्ट में शामिल करने का भी सुझाव दिया है। इनमें इजिप्ट, इंडोनेशिया, इराक, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, मलयेशिया, श्रीलंका, सीरिया, तुर्की और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
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