अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ही प्रत्याशियों ने पूरा जोर लगा दिया है। व्हाइट हाउस में नए प्रशासन से अच्छे संबंधों की उम्मीद में मेक्सिको ने भी अवैध प्रवासियों पर शिकंजा कसने के अपने सबसे बड़ा अभियान को तेज कर दिया है।
अमेरिकी और मैक्सिकन अधिकारियों से बातचीत के आधार पर रॉयटर्स ने दावा किया है कि मेक्सिको के जरिए अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की कोशिश करने वालों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। अवैध रूप से सीमा पार करने की कोशिश करने वालों को हिरासत में लेकर अमेरिका से दूर दक्षिण में भेजा जा रहा है।
मेक्सिको के प्रयासों की वजह से हाल के महीनों में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा सीमा पर पकड़े गए प्रवासियों की संख्या में काफी गिरावट आई है। यह 2020 के बाद सबसे निचले स्तर तक पहुच गया है।
मैक्सिकन अधिकारियों ने रायटर को बताया कि अवैध प्रवासियों को दक्षिण भेजने की योजना का उद्देश्य प्रवासियों को थकाना है ताकि वे अमेरिका पहुंचने से पहले ही हार मान लें। आंकड़ों के मुताबिक, मेक्सिको ने इस साल एक तिहाई अवैध प्रवासियों को दक्षिणी राज्यों में भेजा है।
वैसे ये तरीका मैक्सिकन सरकार की घोषित मानवीय प्रवासन नीति के उलट है। इसीलिए अधिकारी इस पर खुलकर बात नहीं कर रहे हैं। मेक्सिको के विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमारा लक्ष्य प्रवासियों को मानव तस्करों से बचाना था, न कि उन्हें थकाना।
मैक्सिकन अधिकारियों ने रायटर्स को बताया कि बॉर्डर पर क्रेकडाउन करीब दस महीनों से चल रहा है। इसमें पिछले दिसंबर में अमेरिका द्वारा मेक्सिको के कई व्यापार मार्गों को बंद करने के बाद तेजी आई है। अमेरिका के इस कदम से मेक्सिको को रोजाना 100 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा था। बाइडेन और मेक्सिको के राष्ट्रपति के बीच बातचीत में भी यह मुद्दा उठा था।
मेक्सिको के क्रेकडाउन का अमेरिका चुनावों पर असर को लेकर इमिग्रेशन एक्सपर्ट और जॉर्ज मैसन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जस्टिन गेस्ट कहते हैं कि सीमा के नियंत्रण से बाहर होना डोनाल्ड ट्रम्प के लिए चुनावी रूप से फायदेमंद साबित हो सकता था। लेकिन अमेरिका के दवाब में मेक्सिको द्वारा की जा रही कड़ी से बाइडेन प्रशासन को आग पर पानी डालने में मदद मिलेगी।
डेमोक्रेट प्रत्याशी कमला हैरिस ने अपने प्रचार के दौरान आंकड़ों का हवाला देकर दावा करती रही हैं कि बाइडन प्रशासन सीमा मसलों पर बेहद सख्त रहा है। वहीं रिपब्लिकन ट्रम्प तेजी से बढ़ रहे आप्रवासियों के विरोध में काफी मुखर रहे हैं। कई मौकों पर उन्होंने गैर दस्तावेजी अप्रवासियों पर गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
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