भारतीय पत्रकार मिताली मुखर्जी को तुरंत प्रभाव से रॉयटर्स इंस्टीट्यूट ऑफ द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म (RISJ) का नया डायरेक्टर बनाया गया है। उन्होंने रैसमस नीलसन की जगह ली है, जिन्होंने अक्टूबर 2024 में इस पद को छोड़ा था।
इंस्टीट्यूट की स्टीयरिंग कमिटी के अध्यक्ष एलन रसब्रिजर ने एक बयान जारी करके कहा कि मिताली मुखर्जी ने बतौर एक्टिंग डायरेक्टर अपने दो कार्यकाल में बेहतरीन काम किया। अब डायरेक्टर के तौर पर उनके पास संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए एक साफ और प्रभावशाली सोच है।
रसब्रिजर ने कहा, 'रॉयटर्स इंस्टीट्यूट हमेशा से ही पत्रकारिता के भविष्य से जुड़ी अकैडमिक रिसर्च और पत्रकारिता के पेशे के बीच एक पुल की तरह काम करता रहा है। मिताली की नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब पत्रकारिता के सामने एक तरफ बड़ा खतरा है और दूसरी तरफ असाधारण बदलाव भी आ रहा है।' उन्होंने आगे कहा कि इस बदलाव के दौर में इंस्टीट्यूट की भूमिका बहुत खास होगी और संस्थान इससे बेहतर हाथों में नहीं हो सकता था।
मुखर्जी ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य दुनिया भर में पत्रकारिता का भविष्य समझने के लिए चर्चा, मेल-जोल और रिसर्च करना है। उन्होंने कहा, 'मैं डिपार्टमेंट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इंटरनेशनल रिलेशंस, थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन और इंडस्ट्री पार्टनर्स के साथ मिलकर हमारे अब तक के काम और मकसद को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित हूं।'
दुनिया में होने वाले अचानक बदलावों और अनिश्चितताओं की बात मानते हुए उन्होंने कहा कि हमारा काम अंतरराष्ट्रीय है और आगे भी ऐसा ही रहेगा।
मुखर्जी एक जानी-मानी पत्रकार हैं। उन्हें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में 20 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। सितंबर 2022 से वे RISJ के जर्नलिस्ट प्रोग्राम्स को लीड कर रही हैं। वह दुनिया भर में होने वाली कॉन्फ्रेंस और कार्यक्रमों में इंस्टीट्यूट की तरफ से भाग लेती रही हैं।
मुखर्जी के नेतृत्व में इंस्टीट्यूट ने अपने सबसे अहम फेलोशिप प्रोग्राम के लिए नए स्पॉन्सर जोड़े हैं। उनके समय में ऑक्सफर्ड क्लाइमेट जर्नलिज्म नेटवर्क के लिए भी फंडिंग मिली। वे 2020 में साउथ एशिया जर्नलिज्म फेलोशिप की शेवनिंग फेलो रह चुकी हैं। इससे पहले 2019 में रायसीना एशियन फोरम फॉर ग्लोबल गवर्नेंस की यंग फेलो और 2017 में ऑस्ट्रेलिया इंडिया यूथ डायलॉग की फेलो भी रह चुकी हैं।
साल 2020 में मुखर्जी की बिजनेस से जुड़ी दो खबरें भारत के मशहूर रेड इंक अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हुई थीं।
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