भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल युग और एआई के बढ़ते प्रभाव के दौर में संतुलित और उपयुक्त अक्षय ऊर्जा की अहमियत पर जोर दिया और सभी से इसके लिए मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने सतत विकास एजेंडा के प्रति भारत की प्रतिबद्धताओं को भी सामने रखा।
ब्राजील में जी20 समिट के दौरान सतत विकास एवं ऊर्जा संक्रमण पर विशेष सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र की थीम हमारी भावी पीढ़ी के भविष्य से जुड़ी है। नयी दिल्ली में जी20 समिट के दौरान हमने सतत विकास लक्ष्यों को गति देने के लिए वाराणसी एक्शन प्लान अपनाया था। 2030 तक अक्षय ऊर्जा को तीन गुना और एनर्जी एफिशएंसी रेट को दोगुना करने का संकल्प लिया था। ब्राजील की अध्यक्षता में इनको लागू करने को प्राथमिकता दी गई है। हम इसका स्वागत करते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि मैं सस्टेनेबल डेवलपमेंट एजेंडा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और प्रयासों को सामने रखना चाहता हूं। पिछले एक दशक में भारत में 4 करोड़ से अधिक परिवारों को घर उपलब्ध कराया गया है। पिछले पांच सालों में 12 करोड़ से अधिक घरों तक साफ पानी पहुंचाया गया है। 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराया गया है और 11.5 करोड़ से ज्यादा परिवारों के लिए शौचालय बनाए गए हैं।
पीएम ने कहा कि हमारी सरकार के प्रयास भारत के लोगों की प्रगतिशील सोच और संतुलित परंपरा पर आधारित हैं। जहां धरती को मां, नदियों को जीवनदायिनी और वृक्षों को देवतुल्य माना जाता है। प्रकृति की देखभाल को हम नैतिक और मौलिक कर्तव्य मानते हैं। भारत जी20 का पहला देश है जिसने पेरिस एग्रीमेंट के तहत अपने संकल्पों को समय से पहले पूरा किया है। अब हम और अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य में से 200 गीगावाट का लक्ष्य पूरा हो गया है। हमने ग्रीन ट्रांजिशन को जन अभियान का रूप दिया है। लगभग 10 मिलियन परिवार विश्व की सबसे बड़े सोलर रूफ टॉप प्रोग्राम से जुड़े हैं। हमने वैश्विक स्तर पर सस्टेनेबल जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए "मिशन LiFE” यानि Lifestyle For Environment लॉन्च किया है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने इंटरनेशनल सोलर अलायन्स की शुरुआत की है। 100 से अधिक देश इससे जुड़े हैं। वन सन, वन वर्ल्ड वन ग्रिड पहल के तहत, हम एनर्जी कनेक्टिविटी पर सहयोग कर रहे हैं। भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन इनोवेशन सेंटर और ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस लॉन्च किया है। हम भारत में एक व्यापक वेस्ट टु एनर्जी अभियान भी चला रहे हैं। "एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत हमने इस वर्ष भारत में लगभग एक अरब पेड़ लगाए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों विशेष रूप से छोटे विकासशील द्वीपीय देशों का आर्थिक विकास विशेष प्राथमिकता है। डिजिटल युग और एआई के बढ़ते प्रभाव के सा एक संतुलित और उपयुक्त ऊर्जा मिश्रण की आवश्यकता और भी अहम हो जाती है । ऐसे में ग्लोबल साउथ को एनर्जी ट्रांजिशन के लिए किफायती और सुनिश्चित क्लाइमेट फाइनेंस का महत्व बढ़ गया है। टेक्नॉलॉजी और फाइनेंस उपलब्ध कराने के विकसित देशों के संकल्पों को समय पर पूरा किया जाना आवश्यक है।
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