भारत के 20 फीसदी से अधिक अल्ट्रा हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (Ultra-HNI) विदेश में बसने पर विचार कर रहे हैं। यह दावा कोटक प्राइवेट बैंकिंग की टॉप ऑफ द पिरामिड (TOP) रिपोर्ट में किया गया है।
अर्न्स्ट एंड यंग (EY) द्वारा तैयार रिपोर्ट में इसका मुख्य कारण बताते हुए कहा गया है कि ये बेहद अमीर लोग बिजनेस एक्सपेंशन, जीवनशैली में सुधार और वैश्विक निवेश के अवसरों को देखते हुए यह विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट में भारत के 150 अल्ट्रा एचएनआई के निवेश और इमिग्रेशन से जुड़े रुझानों का विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट में हालांकि यह भी कहा गया है कि विदेश में रहने की योजना बनाने वाले अधिकांश रईस लोग चाहते हैं कि वे अपनी भारतीय नागरिकता बनाए रखें। वे देश से अपने मजबूत व्यापारिक और वित्तीय संबंध कायम रखने के भी इच्छुक हैं।
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कोटक प्राइवेट बैंकिंग की सीईओ ओइशार्या दास ने रिपोर्ट पर कहा कि भारत के आर्थिक परिदृश्य में बदलाव के साथ बेहद अमीर लोग अपनी संपत्ति को घरेलू और वैश्विक स्तर पर विस्तार दे कर रहे हैं। 2028 तक उनके खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस साल की रिपोर्ट बहुत अहम है क्योंकि यह केवल रईस लोगों की वित्तीय प्राथमिकताओं को नहीं बल्कि उनकी जीवनशैली, फैमिली बिजनेस और एस्टेट प्लानिंग के पहलुओं को भी उजागर करती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बिजनेसमैन और उनके उत्तराधिकारियों की तुलना में प्रोफेशनल्स के विदेश बसने की संभावना अधिक है। जो बेहद अमीर लोग विदेश जाने पर विचार कर रहे हैं, उनमें से 69 प्रतिशत का मूल उद्देश्य अपने बिजनेस को सुगम बनाना है।
गौरतलब है कि पिछले साल भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण 2024 में वैश्विक आईपीओ बाजार में भारत शीर्ष पर पहुंच गया है। भारत में 268 आईपीओ लॉन्च हुए थे।
अति अमीर लोग भी अपनी संपत्ति का 32 प्रतिशत हिस्सा इक्विटी में निवेश कर रहे हैं और भारतीय और अमेरिकी बाजार को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसके अलावा 45 फीसदी रईस कमर्शल रियल एस्टेट को पसंद कर रहे हैं।
कोरोना महामारी के बाद, अल्ट्रा एचएनआई की प्राथमिकता स्वास्थ्य और वेलनेस में निवेश पर बढ़ी है। 90% से अधिक Ultra-HNIs ने प्रिवेंटिव हेल्थकेयर, जीवनशैली में सुधार और वेलनेस ट्रैवल को प्राथमिकता दी है। उत्तराखंड और केरल जैसी जगहें भारत के अमीर वर्ग के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं।
अल्ट्रा एचएनआई अब केवल पैसा कमाने तक सीमित नहीं हैं बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की इच्छा भी रखते हैं। 26 प्रतिशत अल्ट्रा एचएनआई खुद को इनोवेटर के रूप में देखना चाहते हैं ताकि नई तकनीकों और सामाजिक सुधारों को आगे बढ़ा सकें।
At the pinnacle of wealth, every decision shapes a legacy. Kotak Private’s Top of the Pyramid Report 2024 unveils how India’s Ultra-HNIs invest, spend, and build enduring wealth.
— Kotak Private (@Kotak_pvt) March 26, 2025
To download the report, click here: https://t.co/MhuZ5gzLmk#KotakPrivate #TopOfThePyramid pic.twitter.com/tyVkxJQhvU
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