भारत की कन्नड़ भाषा की शॉर्ट फिल्म, 'सनफ्लावर्स वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो' (Sunflowers Were the First Ones to Know) ने 97वें अकादमी पुरस्कार यानी ऑस्कर के लिए लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में क्वालीफाई किया है। ये फिल्म फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) के एक छात्र द्वारा बनाई गई है। इससे पहले इस फिल्म ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में ला सिनेफ सिलेक्शन में प्रथम पुरस्कार जीतकर वैश्विक पहचान हासिल की थी।
इस फिल्म की कहानी एक बूढ़ी औरत के इर्द-गिर्द घूमती है जो एक गांव में मुर्गा चोरी कर लेती है और गांव की जिंदगी में खलल डाल देती है। इस घटना के बाद गांव में सूर्य की रोशनी रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाती है। गांव में होने वाली उथल-पुथल के कारण औरत के परिवार को मुर्गा वापस लाने के लिए गांव से निकाल दिया जाता है। क्योंकि एक प्राचीन भविष्यवाणी उन पर लटकी हुई है।
फिल्म के डायरेक्टर एस नाइक ने कहा, 'मैं बहुत समय से इस कहानी को बताने की ख्वाहिश रखता था। हमारा मकसद सिर्फ कहानियां सुनने का अनुभव नहीं, बल्कि उनमें जीने का अनुभव देना था। मुझे उम्मीद है कि दुनिया भर के दर्शक इस अनुभव से जुड़ पाएंगे।'
Sunflowers पूरी तरह रात में फिल्माई गई है और भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य और लोक परंपराओं को दर्शाती है। नाइक ने इस फिल्म को बहुत ही खूबसूरत तरीके से बनाया है और कहानी को पेश करने के उनके तरीके में बहुत जान है। कान फिल्म फेस्टिवल में La Cinef के ज्यूरी ने इसके इस तरीके की तारीफ की और इसे हास्य और महारत के लिए पहला पुरस्कार दिया।
भारत में इस फिल्म को खूब तारीफ मिली है और बेंगलुरु इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल में इसे बेस्ट इंडियन कॉम्पिटिशन का अवॉर्ड मिला है। अब ऑस्कर के लिए दावेदार बनकर 'Sunflowers' को स्पेशल स्क्रीनिंग, प्रेस इवेंट और Q&A सेशन के जरिए दुनिया भर के दर्शकों और अकादमी के सदस्यों के सामने पेश किया जाएगा। यह भारतीय कहानी कहने के तरीकों की झलक दिखाएगा।
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