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अंतरिक्ष में नई ऊंचाई तक पहुंचने को भारत-अमेरिका ने मिलाया हाथ, नई नौकरियां भी आएंगी

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि चाहे शांति कायम करने की बात हो या अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल की, भारत और अमेरिका ने हमेशा हाथों में हाथ लेकर मिलकर काम किया है। आर्टेमिस समझौता इसका गवाह है। हमारी आज की इस कॉन्फ्रेंस का एक और उद्देश्य है, अच्छी नौकरियां और सम्पन्नता।

कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी (दाएं) और इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ (बीच में) भी मौजूद थे। / X @USAmbIndia

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने ऐलान किया है कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) भारत के अंतरिक्ष यात्रियों को एडवांस ट्रेनिंग प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के संयुक्त उद्देश्यों को हासिल करना है। उम्मीद है कि इसे इस साल या उसके तुरंत बाद पूरा कर लिया जाएगा। 

उन्होंने ये घोषणा यूएस-इंडिया कमर्शल स्पेस कॉन्फ्रेंस: अनलॉकिंग ऑपच्युनिटीज फॉर यूएस एंड इंडिया स्टार्टअप्स कार्यक्रम में की, जिसकी मेजबानी अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (USIBC) और अमेरिकी वाणिज्यिक सेवा (USCS) द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी। 



गार्सेटी ने बताया कि इसके अलावा हम जल्द ही इसरो के सतीश धवन स्पेस सेंटर से NISAR सैटलाइट भी लॉन्च करेंगे, जो इकोसिस्टम, पृथ्वी की सतह, प्राकृतिक खतरों, समुद्रस्तर में वृद्धि और क्रायोस्फीयर सहित सभी संसाधनों की निगरानी करेगा। 

गार्सेटी ने कहा कि चाहे शांति कायम करने की बात हो या अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल की, भारत और अमेरिका ने हमेशा हाथों में हाथ लेकर मिलकर काम किया है। आर्टेमिस समझौता इसका गवाह है। हमारी आज की इस कॉन्फ्रेंस का एक और उद्देश्य है, अच्छी नौकरियां और सम्पन्नता। इस सेक्टर के स्टार्टअप्स में भारतीय और अमेरिकियों दोनों के लिए अच्छी सैलरी वाली, हाईटेक नौकरियों के दरवाजे खुलने वाले हैं। अब ये सपना बस साकार होने वाला है। 
 
कार्यक्रम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ सोमनाथ भी उपस्थित थे। नासा, नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) और अमेरिका व भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग के अगुआ नेताओं, उद्योगपति , उद्यमी, पूंजीपति और बाजार विश्लेषक भी मौजूद रहे। 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा कि अमेरिका और भारत के बीच कमर्शल अंतरिक्ष सहयोग सम्मेलन के लिए ISRO, USCS India USIBC से जुड़ने को लेकर उत्साहित हूं। हम अमेरिकी उद्योग और भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप्स के लिए अवसरों के द्वार खोल रहे हैं, अपनी साझेदारी मजबूत कर रहे हैं और सहयोग को एक साथ नई ऊंचाई तक ले जा रहे हैं। NASA और NISAR उपग्रह को लेकर हमारा संयुक्त प्रयास भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए तैयार करने में मदद करेगा। 

बता दें कि USIBC अमेरिका में भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के विस्तार में मददगार रहा है। उसने विदेश मंत्रालय की तरफ से आयोजित इंटरनेशनल विजिटल लीडरशिप प्रोग्राम जैसी पहलों का समर्थन किया है। इसके जरिए भारत की अग्रणी कमर्शल स्पेस कंपनियों और नेताओं को अमेरिका के कमर्शल स्पेस इकोसिस्टम से जुड़ने का मौका मिला है। 

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