ऑस्ट्रेलिया की नैशनल लाइब्रेरी (एनएलए) ने भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों से अपने अनुभव और कहानियां शेयर करने की अपील की है। ये अनुभव और कहानियां इंटरव्यू, किताब, न्यूजलेटर, अखबार, फोटोग्राफ जैसे विभिन्न फॉर्मेट्स या निजी आर्काइव के रूप में हो सकते हैं।
We’re currently collecting the stories of Australians with Indian heritage – through recorded interviews, photographs, books and published material – for our national collection.
— National Library of Australia (@nlagovau) March 4, 2024
Find out how you can share your story: https://t.co/hGkjIZk5VU pic.twitter.com/6h5lM1OrJH
आंकड़े बताते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप में भारतीय समुदाय सबसे तेजी से बढ़ने वाला दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। 2021 की जनगणना के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में 9.76 लाख लोगों की जड़ें भारत में हैं। सितंबर 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार 122391 भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई कर रहे थे।
नेशनल लाइब्रेरी क्यूराटोरियल एंड कलेक्शन रिसर्च के डायरेक्टर निकी मैकी सिम का कहना है कि लाइब्रेरी भारतीय समुदाय के सदस्यों का आह्वान करती है कि वे अपनी जिंदगी, अपने अनुभवों, अपने कार्यों और संगठनों के बारे में बताएं और लाइब्रेरी को समृद्ध करने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि हम विभिन्न समुदायों के बारे में गहराई से जानने के इच्छुक हैं। हम जानना चाहते हैं कि उनके लिए क्या अहम है। हम उनकी कहानियों को रिकार्ड करना चाहते हैं।
इस प्रोजेक्ट में ऐसे लोग भी अपना योगदान दे सकते हैं, जो सिंगापुर, फीजी, मलेशिया, अफ्रीका आदि जगहों से हैं, लेकिन उनकी जड़ें पूर्व में भारत से जुड़ी रही हैं। चुनी गई कहानियों को लाइब्रेरी के राष्ट्रीय कलेक्शन में जगह दी जाएगी। उनके जरिए ऑस्ट्रेलिया के लोगों को विविध सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक इतिहास को जानने का अवसर मिलेगा।
इसी तरह का एक प्रोजेक्ट लाइब्रेरी की तरफ से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले जारी किया गया था। इसमें खासतौर से मौखिक इतिहास और लोक साहित्य पर फोकस किया गया था। इसमें प्रोफेसर किम रुबीस्टीन और डॉ. निक्की हेनिंघम द्वारा कानून के क्षेत्र में सक्रिय ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं के साक्षात्कार को भी जगह दी गई थी।
एनएलए के बारे में बताएं तो इसकी स्थापना 15 अगस्त 196 को की गई थी। इसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई लोगों से संबंधित राष्ट्रीय महत्व के संसाधनों को सहेजना है। यह गैर ऑस्ट्रेलियाई लोगों से संबंधित सामग्री को भी एकत्रित करने और सुरक्षित करने का कार्य करता है।
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