भारत ने 'प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस' नाम से एक खास तरह की सुपर-डुपर टूरिस्ट ट्रेन शुरू की है। ये ट्रेन विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों के लिए है। इसका मकसद विदेश में रह रहे 45 से 65 साल के भारतीय मूल के लोगों को उनके पुरखों की जड़ों से फिर से जोड़ना है। ये खास टूर 'प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना' का हिस्सा है। ये योजना भारत के विदेश मंत्रालय की है और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) इसमें सहयोग कर रहा है।
इस 'प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस' में 156 यात्री सफर कर सकेंगे। ये ट्रेन 9 जनवरी 2025 को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। ये ट्रेन तीन हफ्ते तक पूरे भारत का दौरा करेगी और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों पर रुकेगी। इस यात्रा में अयोध्या, पटना, गया, वाराणसी, महाबलीपुरम, रामेश्वरम, मदुरै, कोच्चि, गोवा, एकता नगर (केवड़िया), अजमेर, पुष्कर और आगरा जैसे महत्वपूर्ण एतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल शामिल हैं।
इस योजना का फायदा 45 से 65 साल की उम्र के कम आमदनी वाले प्रवासी भारतीयों (PIOs) को मिलेगा। योग्य PIOs के वापसी के हवाई टिकट का 90% भारत सरकार देगी और उन्हें सिर्फ 10% खर्चा उठाना होगा। योग्य PIOs इस योजना के लिए 5 दिसंबर 2024 से पहले inf.copenhagen@mea.gov.in पर ईमेल करके आवेदन कर सकते हैं।
ये खास यात्रा 9 जनवरी 2025 को शुरू होगी। इस तारीख का चुनाव इसलिए किया गया है क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। ये यात्रा भारत और उसके प्रवासी नागरिकों के एक सौ साल पुराने गाढ़े रिश्ते की याद दिलाती है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इसका मकसद भारत की गौरवशाली संस्कृति को दिखाना और पर्यटन को बढ़ावा देना है।
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