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न्यूजर्सी की 16 वर्षीय भारतवंशी छात्रा ने जीता पहला इंटरनेशनल रिसर्च ओलंपियाड

आईआरओ एक वैश्विक प्रतियोगिता है जो हाई स्कूल छात्रों के बीच विश्लेषणात्मक और महत्वपूर्ण सोच कौशल पर जोर देती है। इस वर्ष इस आयोजन में 45 देशों के 1,000 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। 

इंटरनेशनल रिसर्च ओलंपियाड विजेता ट्रॉफी के साथ जांसी पटेल। / Image – LinkedIn/ Jaansi Patel

न्यूजर्सी में रहने वाली भारतीय मूल की 16 वर्षीय जांसी पटेल ने इंटरनेशनल रिसर्च ओलंपियाड (आईआरओ) जीत ली है। वह इस ओलंपियाड की पहली विजेता बनी हैं। 

आईआरओ एक वैश्विक प्रतियोगिता है जो हाई स्कूल छात्रों के बीच विश्लेषणात्मक और महत्वपूर्ण सोच कौशल पर जोर देती है। इस वर्ष इस आयोजन में 45 देशों के 1,000 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। 

इसका फाइनल 31 मई से 2 जून तक कैम्ब्रिज मैसाचुसेट्स में आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर के टॉप हाई स्कूल शोधकर्ताओं ने प्रतिभागिता की थी। कई कठोर परीक्षाओं के बाद टॉप 15 फाइनलिस्ट के बीच स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक के लिए मुकाबला हुआ। 

इस पहले ओलंपियाड में जांसी पटेल की जीत उल्लेखनीय है। उनका शोध मानसिक स्वास्थ्य और न्यूरोसाइकोलॉजी से संबंधित है। पटेल ने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि आईआरओ में भाग लेना मेरे लिए समान विचारधारा वाले लोगों से मिलने, नए वैज्ञानिक विचारों को जानने और नए क्षितिज तक पहुंचने के लिए खुद को तैयार करने का एक अद्भुत अनुभव रहा है। 

शैक्षणिक उपलब्धियों से अलग पटेल अपने स्कूल के टेड प्रोग्राम में सक्रिय रूप से हिस्सा लेती हैं। गर्ल स्काउट्स को कंप्यूटर साइंस सिखाती हैं। इसके अलावा अपने छोटे भाई के साथ एक पॉडकास्ट लर्नऑन की मेजबानी करती हैं।

इस प्रतियोगिता में सिएटल के लेकसाइड स्कूल के छात्र विष्णु मंगीपुडी ने चौथा स्थान हासिल करके कांस्य पदक जीता। पर्यावरण एवं चिकित्सा चुनौतियों के लिए मशीन लर्निंग मॉडल की कोडिंग ने उन्हें फाइनलिस्ट में जगह दिलाई। 

आईआरओ का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान को अमल में लाने और गंभीरतापूर्वक सोचने की चुनौती देकर वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स की अगली पीढ़ी को विकसित करना है। पटेल की जीत दुनिया भर के युवा शोधकर्ताओं के लिए नई उम्मीद का संकेत है।

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