न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत बिनय श्रीकांत प्रधान ने अमेरिका में भारतीय मूल के प्रवासियों के योगदान की भूरि भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि विदेश में बसे भारतीय मूल के लोग हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं और देश का नाम ऊंचा करने में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क में बसे भारतवंशियों से आग्रह किया कि उन्हें अपने परिवार के सदस्य की तरह समझें और सहयोग दें।
भारतीय विद्या भवन की ओर से हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम में कॉन्सुल जनरल ने कहा कि अमेरिका में लगभग 50 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। न्यूयॉर्क स्थित कॉन्सुलेट इनमें से लगभग आधे भारतवंशियों का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि भारत से बड़ी संख्या में छात्र अमेरिका पढ़ने आते हैं। अमेरिका में मौजूद तीन लाख से अथिक भारतीय छात्रों में से करीब एक लाख उत्तर-पूर्व के इस इलाके में रहते हैं।
कॉन्सुल जनरल ने प्रवासियों से अपने सुझाव और सहयोग देने का आग्रह किया। /प्रधान ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध काफी पुराने और मजबूत हैं। आर्थिक संबंधों की बात करें तो हर साल अरबों डॉलर का व्यापार होता है। इनमें से लगभग एक तिहाई अमेरिका के इन दस राज्यों के जरिए होता है। कहने का अर्थ ये कि हमारे कॉन्सुलेट से भारतीय समुदाय का संपर्क काफी ज्यादा है। ऐसे में हमें समुदाय की सेवा करने पर गर्व है। प्रधान ने न्यूयॉर्क स्थित कॉन्सुलेट की सेवाओं को और ज्यादा प्रभावी एवं नागरिक उपयोगी बनाने में डायस्पोरा से अपने सुझाव देने का भी आग्रह किया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रवासी समुदाय के सदस्य। /उन्होंने कहा कि मैंने ढाई साल तक तंजानिया में भारतीय राजदूत के तौर पर कार्य किया है। उस दौरान वहां जंजीबार में हमने आईआईटी का पहला विदेशी कैंपस खुलवाया। हम वहां डाटा साइंस और आर्टिफिशियल में बैचलर और मास्टर्स डिग्री प्रोग्राम भी चला रहे हैं। हमने तंजानिया और भारत के बीच राजनयिक और शैक्षिक संबंधों को आगे ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरु किए। उसी तरह के प्रयास हम न्यूयॉर्क में भी करना चाहते हैं। इसमें भारतीय प्रवासियों के सहयोग की आवश्यकता है।
प्रधान ने आगे कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध पिछले कुछ समय में काफी मजबूत हुए हैं। राजनयिक से लेकर डिफेंस सेक्टर और सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन, शिक्षा, हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में सहयोग इतना आगे बढ़ गया है, जितना पहले कभी नहीं रहा। हर क्षेत्र में भारतीय प्रवासियों का अहम योगदान रहा है। ऐसे में कॉन्सुलेट की सेवाओं को और भी ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए आपके आइडिया, सुझाव, विचारों की आवश्यकता है। अगर किसी चीज को लेकर आपकी शिकायत है तो उसे भी हम तक पहुंचाएं। हम उसमें सुधार का प्रयास करेंगे।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login