न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के एक न्यूजपेपर वेंडर सादिक टोपिया पर 92 हजार डॉलर (करीब 75 लाख रुपये) का भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है। गुजरात मूल के सादिक का दावा है कि ये जुर्माना गलत है। इस लड़ाई में सादिक का साथ देने के लिए न्यूयॉर्क के कई लोग भी आगे आए हैं।
गुजरात से अमेरिका आकर बसे सादिक टोपिया करीब 23 साल से न्यूयॉर्क के ब्रॉन्क्स में न्यूजपेपर स्टॉल लगा रहे थे। यह कियोस्क उन्होंने एक महिला से किराए पर लिया था। डिपार्टमेंट ऑफ कंस्यूमर एंड वर्कर प्रोटेक्शन (डीसीडब्लूपी) का दावा है कि सादिक एक्सपायर हो चुके लाइसेंस पर धंधा कर रहे थे, इसीलिए उन पर जुर्माना लगाया गया है।
विभाग ने सादिक पर जुर्माना लगाकर ब्रॉडवे और वेस्ट 79वीं स्ट्रीट पर उनकी दुकान पिछले साल 7 नवंबर को बंद करा दी थी। इसके बावजूद सादिक ने अपने ग्राहकों का साथ नहीं छोड़ा और चर्च की सीढ़ियों से ही उन्हें अखबार पहुंचाए। इतना ही नहीं, हाड़ जमा देने वाली सर्दी में भी सादिक ने अपना काम नहीं रोका।
विभाग ने सादिक के ऊपर दो मामलों में जुर्माना लगाया है। एक मामले में सादिक सितंबर 2022 में अपनी दुकान पर ई-सिगरेट बेचते हुए पाए गए थे जबकि उसका लाइसेंस दिसंबर 2021 में ही खत्म हो चुका था। इस मामले में उन पर 58,400 डॉलर की पेनल्टी लगाई गई है। इसके अलावा 1 दिसंबर 2021 से कोर्ट में मामला पहुंचने की तारीख 12 जुलाई 2023 तक रोजाना 100 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है।
दूसरे मामले में सादिक पर अपनी अखबार की दुकान पर 30 डॉलर का फोन चार्जर बेचने का आरोप है जबकि उनके पास 10 डॉलर तक की चीजें बेचने का ही लाइसेंस था। इस आरोप में उन पर 34 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।
सादिक ने विभाग की तरफ से लगाए गए इस जुर्माने को चुनौती दी है। उनका कहना है कि उन्होंने महज 13 दिन ही बिना लाइसेंस के ई-सिगरेट बेची थी। इसके अलावा जुर्माना देने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है क्योंकि उन्होंने दुकान किराए पर ली थी। हालांकि सादिक का कहना है कि वह उचित जुर्माना भरने के लिए तैयार हैं, लेकिन इतना ज्यादा जुर्माना नहीं दे सकते।
सादिक की स्थिति देखकर उनके एक रिश्तेदार ने गो फंड मी पर पेज बनाकर मदद की गुहार लगाई है। अभी तक 49 लोग उनकी मदद के लिए आगे आ चुके हैं। हालांकि सिर्फ 2680 डॉलर की रकम ही जुट पाई है जबकि उन्हें 67,450 डॉलर की जरूरत है। खबरों में दावा किया गया है कि न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स भी सादिक की दुकान फिर से खुलवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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