यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को दी गई मौत की सजा के मामले में भारत सरकार ने एक बार फिर मदद का भरोसा दिलाया है। भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से X पर की गई एक पोस्ट में कहा गया है कि सरकार इस मामले में हर संभव सहायता कर रही है।
गौरतलब है कि यमन के युवक की हत्या के मामले में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई है। यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने सजा को मंजूरी दे दी है। अब एक महीने में निमिषा को फांसी दी जानी है। इसके बाद से भारत सरकार ने भी निमिषा की सजा माफ कराने की कोशिशें तेज कर दी हैं। कहा जा रहा है कि भारत सरकार इस मामले में यमन की सरकार से बात कर सकती है।
केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की रहने वाली नर्स निमिषा प्रिया 2008 में अपने माता-पिता की मदद से यमन गईं थी। वहां उसने कई अस्पतालों में काम किया। वर्ष 2011 में वह भारत लौटी और केरल के टॉमी थॉमस से शादी कर ली। शादी के बाद पति-पत्नी यमन लौट गए। यमन में निमिषा ने फिर से नर्सिंग का काम शुरू कर दिया और एक बेटी को भी जन्म दिया।
निमिषा की मदद को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह नर्स प्रिया की पूरी मदद करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें निमिषा प्रिया के मामले की जानकारी है। प्रिया का परिवार कई विकल्पों के बारे में विचार कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव मदद कर रही है। हम हर कानूनी मदद मुहैया कराएंगे।
ऐसे मिल सकती है माफी
यमन के कानून के अनुसार प्रिया के लिए मौत की सजा से बचने का एकमात्र तरीका मृतक के परिवार को 'खून की रकम देकर' क्षमा प्राप्त करना है। इसके लिए प्रिया की मां यमन में ही हैं। प्रिया को बचाने के लिए सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल बनाई गई है। काउंसिल के अनुसार निमिषा की रिहाई को लेकर बातचीत शुरू करने के लिए पहले 40 हजार डॉलर दिए जाने थे। यह रकम विदेश मंत्रालय के जरिये यमन में भारतीय दूतावास को दी जाएगी।
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