यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले के होनहार रिसर्च स्कॉलर्स की क्षमता किसी भी संस्थान से सबसे अधिक है। इस दावे का आधार यह है कि यहां के नौ युवा सहायक प्रोफेसरों को 2024 स्लोन रिसर्च फेलो के लिए चुना गया है। अमेरिका और कनाडा के युवा और इनोवेटिव वैज्ञानिकों को मान्यता देते हुए अल्फ्रेड पी. स्लोन फाउंडेशन ने 20 फरवरी को 126 नए फेलो की घोषणा की।
यह फेलोशिप उत्तरी अमेरिका में स्कॉलर्स के लिए उपलब्ध सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी और प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है। 1955 में पहली स्लोन रिसर्च फैलोशिप प्रदान की गई थी। इस वर्ष को मिला दें तो अब तक यूसी बर्कले फैकेल्टी के306 सदस्यों ने इसे प्राप्त किया है।
इस फेलो को हासिल करने वालों में एक भारतीय मूल की दीप्ति नायक हैं। वह मॉलिक्युलर और कोशिका जीव विज्ञान की सहायक प्रोफेसर हैं। दीप्ति ऐसे सूक्ष्मजीवों का अध्ययन करती हैं जो मीथेन ( एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस) का उत्पादन करते हैं। वह इन तथाकथित मेथनोजेंस को एक मॉडल प्रणाली के रूप में विकसित कर रही है। ये प्राचीन, सिंगल-कोशिका वाले जीव हैं। अपनी रिसर्च में वे पृथ्वी पर इनके जीवन के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर उनके प्रभाव का अध्ययन करती हैं।
प्रिया खन्ना इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान की सहायक प्रोफेसर और हेलेन विल्स न्यूरोसाइंस इंस्टीट्यूट की सदस्य हैं। खन्ना यह समझने के लिए प्रयोग करती हैं कि कैसे डिस्ट्रिब्युटेड ब्रेन नेटवर्क कुशल निपुण मुवमेंट को नियंत्रित करने के लिए समन्वय करते हैं, जैसे कि हाथ के इशारे। वह तंत्रिका और मांसपेशियों की प्रतिक्रिया को समझने के लिए रिसर्च करती हैं, जो क्षतिग्रस्त सेंसरिमोटर सिस्टम वाले रोगियों में मूवमेंट नियंत्रण को बहाल करने में मदद कर सकती है।
इनके अलावा फेलो हासिल करने वालों में ज्योफ पेनिंगटन शामिल हैं, जो भौतिकी में प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं। सहायक प्रोफेसर और रसायन विज्ञान कॉलेज में प्रोफेसर क्वाबेना बेदियाको को भी फेलो मिला है। इनके अलावा मॉलिक्युलर और कोशिका जीव विज्ञान के सहायक प्रोफेसर मेंग-मेंग फू भी इनमें शामिल हैं। गणित के सहायक प्रोफेसर माइकल लिंडसे को भी फेलो मिला है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान की सहायक प्रोफेसर नीका और पृथ्वी और ग्रह विज्ञान के सहायक प्रोफेसर पेनी वीसर को भी यह सम्मान मिला है।
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