उत्तर अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) ने वर्जीनिया राज्य सीनेट से अपील की है कि वे हाउस बिल HB 2783 का वर्तमान स्वरूप में विरोध करें और सुनिश्चित करें कि स्वास्तिक को घृणा के प्रतीक के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत न किया जाए। यह बिल 17 जनवरी को पेश किया गया था और 5 फरवरी को समिति में पारित हुआ। यह धार्मिक भवनों, स्कूलों, सामुदायिक केंद्रों, निजी संपत्तियों या सार्वजनिक स्थानों पर स्वास्तिक रखने को गैरकानूनी घोषित करता है, जहां यह भय या नुकसान पहुंचा सकता है। इस कानून के तहत स्वास्तिक रखने को डराने-धमकाने के इरादे का प्रमाण माना जाएगा और इसका उल्लंघन करने वालों पर एक से पांच साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
बिल में मौजूदा कानूनों को अद्यतन करते हुए यह भी जोड़ा गया है कि किन स्थानों पर स्वास्तिक को अपराध के रूप में देखा जाएगा। इस कानून को लागू करने से जेल की सजा बढ़ सकती है और राज्य की जेलों पर कम से कम $50,000 का खर्च आ सकता है।
CoHNA का विरोध
CoHNA एक अधिकार-संरक्षण संगठन है, जो उत्तर अमेरिका में हिंदू समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता, हिंदू संस्कृति के प्रति जागरूकता और हिंदुओं से जुड़े मुद्दों की रक्षा के लिए कार्य करता है। CoHNA ने निर्वाचित अधिकारियों को भेजे गए एक ईमेल में बिल का विरोध करते हुए कहा, वर्तमान में यह बिल त्रुटिपूर्ण है क्योंकि यह 'हैकेनक्रॉइज़' ('hooked cross'), जो कि नाज़ी घृणा का प्रतीक है, और स्वास्तिक, जो शांति, कल्याण और समृद्धि का प्रतीक है, के बीच अंतर नहीं करता। यह नाज़ी 'hooked cross' है, न कि स्वास्तिक, जो यहूदी अमेरिकी, अफ्रीकी अमेरिकी, एशियाई अमेरिकी और अन्य अल्पसंख्यकों के प्रति घृणा का प्रतीक रहा है।
संगठन ने आगे कहा, कोई भी प्रतीक केवल अपने आकार से नहीं, बल्कि संदर्भ से भी अपना अर्थ ग्रहण करता है। भले ही नाज़ी 'hooked cross' और स्वास्तिक में ज्यामितीय समानताएँ हों, लेकिन दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं है और ये पूरी तरह से विपरीत संदर्भों में उपयोग किए जाते हैं।
स्वास्तिक का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
CoHNA ने इस बात पर भी जोर दिया कि स्वास्तिक एक संस्कृत शब्द है और यह शांति, कल्याण और समृद्धि का प्रतीक है, जिसे दुनियाभर में लगभग दो अरब लोग उपयोग करते हैं। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि वे बिल के मूल उद्देश्य—सभी के लिए एक अधिक समावेशी और सहिष्णु समाज बनाने के विचार का समर्थन करते हैं। CoHNA ने कहा, हमें छह मिलियन यहूदियों, डेढ़ मिलियन रोमा और अन्य समुदायों की नाज़ी उत्पीड़न के कारण हुई पीढ़ीगत पीड़ा को स्वीकार करना चाहिए। नाज़ी प्रतीक आज भी यहूदी अमेरिकियों के लिए भय और असहजता का कारण बनता है।
CoHNA की मांग
हालांकि, संगठन ने बिल के वर्तमान स्वरूप का विरोध करते हुए कुछ आवश्यक संशोधनों की मांग की है। जिसमें बिल से 'स्वास्तिक' शब्द को हटाया जाए। नाज़ी प्रतीक को केवल 'हैकेनक्रॉइज़' ('Hakenkreuz') या 'नाज़ी hooked cross' के रूप में संदर्भित किया जाए। संगठन का मानना है कि ये बदलाव आवश्यक हैं ताकि अनजाने में नकारात्मक प्रभावों को रोका जा सके और हिंदू, बौद्ध, जैन एवं अन्य संस्कृतियों के धार्मिक प्रतीक को गलत ढंग से न प्रस्तुत किया जाए।
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