न्यू यॉर्क शहर की हलचल भरी सड़कें करुणा, स्थिरता और एकता के एक शक्तिशाली संदेश में बदल गईं। ग्रीन हैंड्स मूवमेंट ने चेल्सी मार्केट, मीटपैकिंग डिस्ट्रिक्ट, लिटिल आइलैंड और टाइम्स स्क्वायर जैसे जगहों पर अपना दबदबा बना लिया। साधु वासवानी सेंटर फॉर वर्ल्ड पीस द्वारा आयोजित इस अभूतपूर्व अभियान ने हजारों न्यू यॉर्करों से 25 नवंबर को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय मांस रहित दिवस के सम्मान में 'टेक द वेज' का आग्रह किया।
जानवरों के रूप में सजे और प्रतीकात्मक हरे हाथ लहराते हुए कार्यकर्ताओं ने मांस-मुक्त, क्रूरता-मुक्त जीवनशैली का संदेश फैलाया। उन्होंने लोगों को एक साधारण लेकिन प्रभावशाली कदम उठाने के लिए आमंत्रित किया, 'वेज प्लेज लेना और एक दिन के लिए मांस से दूर रहना।' यह आंदोलन गहराई से प्रभावित करता है क्योंकि इसने विभिन्न आवाजों को एक साथ लाया। डॉक्टरों और कार्यकर्ताओं से लेकर प्रभावशाली लोगों और मशहूर हस्तियों तक एक साझा मंच पर जीवित प्राणियों के प्रति करुणा का समर्थन करने के लिए जुटे।
इस अभियान के केंद्र में टाइम्स स्क्वायर में एक शानदार पल था, जब एक विशाल बिलबोर्ड ने प्रतिष्ठित क्षितिज को रोशन किया। आध्यात्मिक दूरदर्शी और सार्वभौमिक करुणा के पैरोकार साधु वासवानी का मुस्कुराता हुआ चेहरा 'मांस रहित दिवस मनाएं', वेज प्लेज लें' शब्दों के साथ दिखाई दिया। इस शक्तिशाली दृश्य ने हजारों लोगों को मोहित किया। यह क्रूरता-मुक्त ग्रह के लिए आशा और प्रेम का प्रतीक बन गया।
प्रसिद्ध डॉक्टर, ITV गोल्ड टीवी चैनल, पारिख मीडिया के मालिक और सतत जीवन के पैरोकार डॉ. सुधीर पारिख ने कहा, 'न्यू यॉर्क शहर वैश्विक बदलाव को प्रेरित करने के लिए एकदम सही जगह है। एक दिन का जागरूक भोजन एक ऐसा प्रभाव पैदा कर सकता है जिससे ग्रह, हमारे स्वास्थ्य और हमारी आत्मा को लाभ होता है। साधु वासवानी का शांति का संदेश पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। मैं हर किसी से आग्रह करता हूं कि वे शाकाहारी भोजन की ओर बढ़ें और अगर आप रोज नहीं कर सकते तो कम से कम एक दिन से शुरूआत करें।'
साधु वासवानी सेंटर फॉर वर्ल्ड पीस के अध्यक्ष अशोक ललवानी ने कहा, 'यह सिर्फ शुरुआत है। साधु वासवानी जी ने हमेशा एक कदम की शक्ति में विश्वास किया। मांस के बिना एक दिन करुणा, स्वास्थ्य और ग्रह की स्थिरता की ओर जीवन भर की यात्रा शुरू कर सकता है।' लेखिका, शाकाहारी कार्यकर्ता और पॉडकास्टर विक्टोरिया मोरन ने कहा, 'एक भोजन, एक थाली, एक दिन - यह सब एक साथ जुड़कर बड़ा बदलाव लाता है जब हम सभी कम से कम एक दिन के लिए वेज प्लेज लेते हैं। हमें कहीं से तो शुरुआत करनी होगी।'
इस वर्ष का अभियान शांति और सह-अस्तित्व में निहित दुनिया बनाने के साधु वासवानी केंद्र के नए दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। एक पीस गार्डन और एक केंद्र बनाने की योजनाएं चल रही हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए ज्ञान का प्रकाशस्तंभ के रूप में काम करेगा। यह सधु वासवानी की प्रेम, करुणा और एकता की शिक्षाओं का प्रतीक होगा।
अभियान की प्रवक्ता, फिल्म निर्माता नेहा लोहिया ने कहा, 'साधु वासवानी ने हमें सिखाया कि मनुष्यों को अपना वर्चस्व जमाने या नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी शक्ति का प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं है। हम इसके बजाय करुणा चुन सकते हैं। अपनी शक्ति, अपनी आवाज और अपनी इच्छाशक्ति का उपयोग अच्छे काम करने, उत्थान करने और चंगा करने के लिए कर सकते हैं। इस मांस रहित दिवस पर हमने दिखाया कि एक करुणामय दुनिया का यह दृष्टिकोण वास्तव में एक वास्तविकता बन सकता है, यदि हम सभी एक साथ आते हैं और एकजुटता में खड़े होते हैं।'
डॉ. ईवा सेल्हब ने आग्रह किया, 'एक दिन से शुरुआत करें। एक दिन एक हफ्ता बन जाता है, एक हफ्ता एक जीवनशैली बन जाता है। यह सिर्फ जानवरों को बचाने के बारे में नहीं है। यह खुद को बचाने के बारे में है।'
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