न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) और पेंटागन पर आतंकवादी हमलों की 22वीं वर्षगांठ पर अमेरिका के डेटन, ओहियो में सैकड़ों अन्य समुदाय के सदस्यों के साथ सिख समुदाय के लोग जमा हुए। इस दौरान लोगों ने हमलों में जान गंवाने वाले लोगों को याद किया। वहीं, बीवरक्रीक पुलिस विभाग ने शहर के 9/11 स्मारक में अपना सालाना 9/11 स्मारक समारोह आयोजित किया। उस खौफनाक हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी। WTC टावर्स के आसपास और उनमें लगभग 2600 लोगों की जान गई थी। इसके अलावा पेंटागन में 184 लोगों और पेंसिल्वेनिया में एक विमान दुर्घटना में 40 लोगों की जान इन हमलों के कारण गई थी।
इस दिन चार विमानों ने स्मारक के ऊपर उड़ान भरी। मालाएं और फूल रखे गए, टैप्स बजाए गए और अमेरिकी झंडा नीचे कर राष्ट्रीय गान गाया गया। अपने स्मारक भाषण में बीवरक्रीक के मेयर बॉब स्टोन ने भीड़ से घटना के शिकारों और उन नायकों को याद करने का आग्रह किया जिन्होंने उनकी जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि यह त्रासदी कभी न भूली जाए।
डेटन के सिख सोसाइटी के सदस्य और स्थानीय कार्यकर्ता समीप सिंह गुमतला ने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टावर से 25 फीट लंबा मुड़ा हुआ इस्पात का एक टुकड़ा बीवरक्रीक 9/11 स्मारक में देखा जा सकता है। न्यू यॉर्क में ग्राउंड जीरो में बचाव कार्यों में सहायता करने वाले ओहियो टास्क फोर्स वन के दो अग्निशामक इसे बीवरक्रीक लेकर आए थे।
सिख समुदाय की तरफ से गुमतला ने कहा कि स्मारक में उनकी उपस्थिति उन सभी पुरुषों और महिलाओं को एक साझा श्रद्धांजलि है जिन्होंने उस भयानक दिन अपनी जान गंवाई। इसमें वे बहादुर अग्निशामक, पुलिस अधिकारी और पैरामेडिक शामिल थे जिन्होंने अपनी ड्यूटी निभाते समय अंतिम बलिदान दिया।
डॉ. चरणजीत सिंह गुमतला, डॉ. दर्शन सिंह सेहबी, अवतार सिंह स्प्रिंगफील्ड और परमिंदर सिंह बस्सी डेटन के सिख सोसाइटी के सदस्यों में से थे जिन्होंने स्मारक सेवा में भाग लिया। 9/11 में जान गंवाने वालों को याद करने के अलावा, सिख समुदाय के सदस्यों ने बलबीर सिंह सोढ़ी को भी याद किया। वह 9/11 के बाद हेट क्राइम का शिकार हुए थे। हमलों के चार दिन बाद सोढ़ी को मेसा, एरिजोना में उनके गैस स्टेशन के सामने गोली मार दी गई थी। हत्या सिख समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित थी।
यह हमला 11 सितंबर के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में नस्लवाद का पहला घातक कृत्य था। इसने सिख और दक्षिण एशियाई लोगों के खिलाफ भेदभाव और कट्टरता की एक चिंताजनक लहर शुरू कर दी। गुमतला ने कहा कि सभी अमेरिकियों पर 9/11 की घटनाओं का विभिन्न तरीकों से गहरा प्रभाव पड़ा।
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